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हिमाचल प्रदेश
वोट के भय से भारत की राजनीति सच कहने से घबराती है : शांता
Shantanu Roy
17 Nov 2022 9:12 AM GMT
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बड़ी खबर
पालमपुर। भाजपा नेता शांता कुमार ने कहा कि देश की राजनीति मात्र और मात्र वोट के लिए है, देश के लिए नहीं। इसलिए वोट के भय से भारत की राजनीति सच कहने से घबराती है और आंखें बंद कर लेती है। शांता कुमार ने कहा कि यदि राजनीति हिम्मत करती, कानून बनाकर 141 करोड़ तक बढ़ती जनसंख्या को 100 करोड़ पर रोक लेती तो आज भारत विश्व का सबसे खुशहाल देश होता है तथा यह महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी न होती। शांता कुमार ने कहा कि यदि बढ़ती आबादी को नहीं रोका गया तो दिल्ली की भांति और क्षेत्र भी जहरीली गैस के चैंबर बनेंगे और यह महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी भी बढ़ेगी।
बढ़ती जनसंख्या के कारण ही गरीबी
शांता कुमार ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली विश्व की सबसे अधिक प्रदूषित नगर बन गई है, सांस लेने पर लोगों को जहर मिलता है, बीमारियां बढ़ रही हैं, कैंसर तक के रोग का प्रमाण मिला है। दिल्ली ही नहीं, सभी बड़े नगरों में कूड़े-कचरे की सड़ांध फैलाते पहाड़ खड़े हैं। दिल्ली की आबादी 2 करोड़ है और यहां गाड़ियों की संख्या एक करोड़ 60 लाख है, उद्योग भी हैं, इतना कुछ जहां होगा वहां हवा में जहर होगा ही। पंजाब की पराली से प्रदूषण बढ़ता होगा, परंतु मुख्य कारण जनसंख्या है। जनसंख्या के कारण गाड़ियां और बेतहाशा बस्तियां हैं। शांता कुमार ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के दबाव में दिल्ली में 1500 अवैध बस्तियां बसीं। लाखों लोग रहने लगे। बस्तियां अवैध थीं, मगर बिजली, पानी और सड़क सब सुविधाएं मिल गईं। चुनाव आने पर वोट के दबाव में सभी पार्टियों ने मिलकर हजारों अवैध बस्तियों को वैध कर दिया। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई के दौर में पूरे देश में लाखों अवैध कब्जे हो रहे हैं, बिना योजना के मकान बन रहे हैं, वर्षा होने पर जलभराव होता है, जिस कारण घरों में पानी घुस जाता है। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के कारण ही गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई है। वर्ष 2014 के पश्चात गरीबी दूर करने के लिए हरसंभव प्रयत्न किए गए। सच्चाई यह है कि इससे अधिक और कुछ नहीं हो सकता।
आबादी बढ़ी तो बढ़ेगी महंगाई व बेरोजगारी
शांता कुमार ने कहा कि भारत की जो आबादी 1941 में 30 करोड़ थी, फिर 1947 में 39 करोड़ थी, वह आज बढ़कर 141 करोड़ हो गई है। प्रतिवर्ष 1.7 करोड़ जनसंख्या बढ़ती है। इस गति से आबादी बढ़ेगी तो महंगाई व बेरोजगारी रुक नहीं सकेगी। देश अमृत महोत्सव मना रहा है परंतु गरीबी की हालत ऐसी है कि कुछ अति गरीब प्रदेशों के अति गरीब घरों की लड़कियां खरीदी और बेची जाती हैं, मानव तस्करी भी होती है।
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