हिमाचल प्रदेश

हिमाचल लोक सेवा आयोग के सेट के अधूरे परिणाम ने उलझाए, हाईकोर्ट जाने की तैयारी में अभ्यर्थी

Renuka Sahu
11 April 2022 2:55 AM GMT
हिमाचल लोक सेवा आयोग के सेट के अधूरे परिणाम ने उलझाए, हाईकोर्ट जाने की तैयारी में अभ्यर्थी
x

फाइल फोटो 

राज्य लोक सेवा आयोग के स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट 2019 के अधूरे परिणाम ने अभ्यर्थियों को उलझा दिया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राज्य लोक सेवा आयोग के स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट (सेट) 2019 के अधूरे परिणाम ने अभ्यर्थियों को उलझा दिया है।आयोग ढाई साल बाद भी परीक्षा का पूरा परिणाम घोषित नहीं कर पाया है। अब अभ्यर्थी हाईकोर्ट जाने की तैयारी में हैं। सेट परीक्षा 2019 में बीपीएल वर्ग के अभ्यर्थियों को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ ही नहीं दिया गया। नौ माह से आयोग अभ्यर्थियों के चक्कर लगवा रहा है।

अभ्यर्थी अगस्त 2021 से अब तक तीन-तीन बार रिप्रेजेंटेशन दे चुके हैं कि उन्हें सेट परीक्षा में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। उन्हें कंसीडर किया जाए, जिससे वे सेट एलिजिबिलिटी सर्टिफिकेट हासिल कर सकें। अभ्यर्थी रीना, पूजा, सीमा, राकेश, दीपक, राजेश और रवि ने बताया कि आयोग के अधिकारी पिछले नौ माह से सिर्फ उन्हें आश्वासन ही दे रहे हैं। हकीकत में अब तक कुछ नहीं किया गया। कुछ ही दिनों में आयोग कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी करने वाला है। ऐसे में कई अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर है।
फिर से घोषित होगा ईडब्ल्यूएस कैटेगिरी का पूरा परिणाम
सूत्रों के मुताबिक प्रोग्रामिंग एरर की वजह से यह सब हुआ है। इस कारण बीपीएल अभ्यर्थियों को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया। उन्हें सामान्य वर्ग से ही कंसीडर कर लिया गया और परीक्षा में असफल घोषित कर दिया गया। अब राज्य लोक सेवा आयोग को ईडब्ल्यूएस कैटेगिरी का पूरा परिणाम फिर से घोषित करना है।
परीक्षा के नौ माह बाद घोषित किया था परिणाम
विश्वविद्यालय और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अनिवार्य स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट 22 नवंबर 2020 को लिया था। दिसंबर 2019 में राज्य लोक सेवा आयोग ने टेस्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। कोरोना संकट के कारण परीक्षा करवाने में एक वर्ष की देरी हुई। परीक्षा में 10557 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। लोक सेवा आयोग ने 17 अगस्त 2021 को स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट का परिणाम घोषित किया था।
राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव डीके रतन ने बताया कि मामला आयोग के विचाराधीन है। जल्द ही इस को लेकर फैसला ले लिया जाएगा।
Next Story