हिमाचल प्रदेश

हिमाचल विधानसभा सत्र में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 54,592.02 करोड़ के बजट सहित सदन में किए पांच विधेयक पारित

Kunti Dhruw
15 March 2022 5:22 PM GMT
हिमाचल विधानसभा सत्र में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 54,592.02 करोड़ के बजट सहित सदन में किए पांच विधेयक पारित
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हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 54,592.02 करोड़ रुपये के बजट सहित पांच विधेयक पारित किए गए।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 54,592.02 करोड़ रुपये के बजट सहित पांच विधेयक पारित किए गए। 4 मार्च को पेश बजट से 3200 करोड़ रुपये और बढ़ गए। चार मार्च को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 51,365 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। इसी के साथ 15 दिवसीय बजट सत्र का समापन हो गया। यह जयराम सरकार का पांचवां बजट सत्र था। मंगलवार को दोपहर के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में 54,592.02 करोड़ रुपये का बजट पारित करने का प्रस्ताव रखा। इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया।

इसमें 43,455.10 करोड़ रुपये राजस्व और 11,136.91 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए रखे गए हैं। सत्र के अंतिम दिन सदन में पांच विधेयक पारित हुए। इनमें बजट के लिए विनियोग विधेयक के अलावा राजस्व मामलों को कम समय में निपटाने के लिए हिमाचल प्रदेश भू राजस्व संशोधन विधेयक, चाय बागानों से संबंधित हिमाचल प्रदेश भू जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक, शिमला नगर निगम के वार्ड बढ़ाने से संबंधित हिमाचल प्रदेश नगर निगम संशोधन विधेयक और हिमाचल प्रदेश स्लमवासी सांपत्तिक अधिकार विधेयक को भी सत्र के अंतिम दिन पारित किया गया।
राजस्व संबंधित मामलों की सुनवाई में अब लगेगा कम समय
राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ने मंगलवार को सदन में राज्य विधानसभा में हिमाचल प्रदेश भू राजस्व संशोधन विधेयक-2022 विधेयक संख्या 3 लाया। इसे सदन में मंगलवार को पारित कर दिया है। हिमाचल में अब कम समय में राजस्व संबंधित सुनवाई होगी, जिससे लोगों को राहत मिलेगी। इस पर विपक्ष के सदस्यों ने कहा कि अपील निपटाने के लिए समय अवधि तय हो। पहले ऐसे मामले एक माह से लेकर पांच से सात साल का समय लगता था। राजस्व अधिकारियों और कलेक्टरों के पास सुनवाई में विलंब भी होता था। इस विलंब को कम करने के लिए यह संशोधन किया गया है। अब राजस्व संबंधित मामले सीधे वित्तायुक्त के समक्ष उठाया जा सकते हैं। इसके अलावा राजस्व मंत्री ने भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक 2022 भी पारित किया है। इसमें सरकार ने छोटे चाय बागान वालों को राहत दी है। इन्हें मालिकाना हक मिलेगा, साथ ऋण भी ले सकेंगे। अभी तक ये लोग इससे वंचित रहते थे। इनमें से मंडी में 338 और कांगड़ा में 230 बागान मालिक हैं। प्रदेश में कुल 8,876 चाय बागान हैं।
चुनाव के बाद का बजट भाजपा सरकार ही रखेगी: जयराम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में चुनाव के बाद का बजट भाजपा सरकार ही रखेगी। विधानसभा चुनाव के बाद विपक्ष के सदस्य उसी सीट पर बैठेंगे। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री मानसिक रूप से पूरी तरह से तैयार रहें कि वे विपक्ष में ही आएंगे। बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री को देखकर चेहरा भी यही दर्शा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि सदन के संचालन में दोनों पक्षों का पूरा सहयोग मिला। सदन की गरिमा बनाकर रखी, जिसके लिए यह सदन जाना जाता है। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्य विधानसभा के बजट सत्र के समापन पर सदन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष ने एक दूसरे पर शब्दों का प्रहार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट सत्र छोटा था लेकिन इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सार्थक चर्चा हुई है। विपक्ष ने अपनी भूमिका निभाई है और आंदोलन करने वालों को जुटाने की कोशिश की। विपक्ष में रहते हुए यह भी करना पड़ता है। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बजट पास करा दिया है और अब सरकार को फिजूलखर्ची रोकनी होगी। मुख्यमंत्री को हेलीकॉप्टर पर धन बर्बाद नहीं करना है। सीएम कांग्रेस को उकसाते भी रहे।
विदेशी सेब से हिमाचली सेब के दाम गिरने का मामला सदन में गरमाया
वहीं, राज्य विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन सदन में विदेशी सेब से कोल्ड स्टोरों में रखे हिमाचली सेब के दाम गिरने का मामला सदन में गरमाया। कांग्रेस विधायक जगत सिंह ने मंगलवार को उद्यान पर कटौती प्रस्ताव लेकर कहा कि विदेशी सेब से हिमाचल के सेब पर विपरीत असर पड़ है। किन्नौर में विश्व बैंक की मदद से चलाए जा रहे प्रोजेक्ट में बागवानी विभाग और नौणी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की सेवाएं ली जाएं। कोल्ड स्टोर में रखे सेब के दाम 700 से 900 रुपए कम मिल रहे हैं। इस पर बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि इटली की कंपनी ने 1.10 लाख खराब सेब के पौधे बदल कर नए पौधे दिए हैं। अब अमेरिका के आयात किए सेब के पौधों के परिणाम अच्छे आ रहे हैं।
किसी बागवान को इन पौधों से संबंधित कोई शिकायत हैं तो सरकार और बागवानी विभाग के पास शिकायत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी सेब से हिमाचल के सेब पर पड़ रहे असर के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीता रमन को दिल्ली में एक पत्र सौंपा है। इस पत्र में हिमाचल के बागवानों की यह समस्या उठाई है। सरकार विपक्ष के सदस्यों के सुझाव पर गौर करेगी, जिसमें कहा गया है कि विशेषज्ञ हिमाचल से रखे जाएं। इस पर भी सरकार गौर करेगी। इससे पहले कटौती प्रस्ताव पर विधायक नंद लाल, रोहित ठाकुर और मोहन लाल ब्राक्टा ने कहा कि पंजीकृत नर्सरियों को पौधे बेचे जाएं। रामपुर क्षेत्र में सीए स्टोर और विधायन इकाइयां लगाई जाएं।
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