हिमाचल प्रदेश

हिमाचल में सैलानियों ने तोड़ा पांच साल का रिकार्ड, 95 फीसदी तक पहुंची ऑक्यूपेंसी

Admin Delhi 1
26 Jun 2022 10:27 AM GMT
हिमाचल में सैलानियों ने तोड़ा पांच साल का रिकार्ड,  95 फीसदी तक पहुंची ऑक्यूपेंसी
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शिमला: मैदानी क्षेत्रों में भीषण गर्मी के चलते और मॉनसून के बढ़ते इंतजार के चलते सैलानी हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं। वीकेंड के चलते बाहरी राज्यों के पर्यटकों की आमद में भारी इजाफा हुआ है। इस दौरान प्रदेश भर के होटल, रिजॉर्ट पूरी तरह पैक हो गए हैं। वहीं पहाड़ों में बर्फ देखने को भी सैलानियों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। पर्यटकों को पार्किंग में गाडिय़ां पार्क करने को जगह भी नहीं मिल रही है। प्रदेश की सड़कों पर कई घंटे जाम लग रहे हैं, जिससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार इस साल हिमाचल प्रदेश में आने वाले पर्यटकों ने पिछले पांच साल का रिकार्ड तोड़ा है। पूरे सप्ताह जहां होटलों में ऑक्यूपेंसी 80 से 85 फीसदी तक रहती है, वहीं शनिवार और रविवार को ऑक्यूपेंसी एकदम से बढ़ रही है। रविवार को ही शिमला के मालरोड और रिज पर पर्यटकों की खासी भीड़ देखने को मिली। पर्यटन एसोसिएशन से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को ही शहर के होटल पैक हो गए थे, यानि ऑक्यूपेंसी भी 95 फीसदी तक पहुंच गई थी। वहीं शहर की पार्किंग्स भी फुल दिखी।

हर सप्ताह वीकेंड पर इन दिनों यही स्थिति देखने को मिल रही है। मई महीने तक प्रदेश में रिकार्ड 66 लाख 79 हजार 145 देशी और विदेशी पर्यटक हिमाचल घूमने पहुंचे हैं। प्रदेश में 2017 के बाद मई महीने तक इतनी भारी तादाद में पर्यटक हिमाचल घूमने आए हैं, जिससे प्रदेश में पर्यटन कारोबार में उछाल दर्ज किया गया है। मई के आंकड़ों पर नजर डालें, तो प्रदेश में इस साल सबसे ज्यादा पर्यटकों की आमद मई महीने में ही हुई है। मई में हिमाचल घूमने पहुंचे कुल 1970004 पर्यटकों में से 1967984 पर्यटक भारतीय मूल के हैं। गौर रहे कि प्रदेश की आर्थिकी में पर्यटन कारोबार का योगदान रहता है। यह प्रदेश की आर्थिकी का मुख्य साधन भी है। पिछले 2 साल में कोरोना की मार के चलते प्रदेश में पर्यटन कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया था। पर्यटन विभाग के निदेशक अमित कश्यप ने बताया कि इस साल प्रदेश में पर्यटन सीजन काफी अच्छा रहा है। विभाग ने अप्रैल और मई महीने के दौरान पांच करोड़ रुपए का कारोबार किया है, जो पिछले साल महज 40 लाख के करीब था। (एचडीएम)

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