हिमाचल प्रदेश

हिमाचल में लंपी वायरस से मरने वाले पशुओं का आंकड़ा 3000 के पार पहुंचा, नौ जिलों में 72 हजार से ज्यादा पशु संक्रमित

Renuka Sahu
17 Sep 2022 1:49 AM GMT
In Himachal, the number of animals that died of Lumpi virus crossed 3000, more than 72 thousand animals infected in nine districts
x

न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

प्रदेश में लंपी वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। पशुपालन विभाग से मिली रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अब तक पशुओं की मौतों का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश में लंपी वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। पशुपालन विभाग से मिली रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अब तक पशुओं की मौतों का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है। लंपी वायरस से मरने वाले पशुओं का आंकड़ा 3000 के पार पहुंच गया है। लंपी वायरस से प्रदेश में अब तक 3404 पशुओं की मौत हो चुकी है। हर दिन इस संक्रमण से प्रदेश में पशुओं के मरने वालों की संख्या 100 से ज्यादा है। बीते 24 घंटों के दौरान भी 195 पशु इस संक्रमण से मरे हंै। प्रदेश में अब तक 72,326 पशु इस लंपी वायरस की चपेट में आ चुके हैं। प्रदेश में लंपी वायरस के इस समय 38600 सक्रिय मामले हैं। प्रदेश के नौ जिलों में पशु लंपी वायरस की चपेट में है। प्रदेश के किन्नौर, कुल्लू और लाहुल-स्पीति जिला को छोड़ प्रदेश के शेष सभी जिलों में यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है।

हालांकि इसकी रोकथाम के लिए पशुपालन विभाग द्वारा टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया है। इस संक्रमण की रोकथाम के लिए अब तक 188634 पशुओं को टीका लगाया जा चुका है। इससे 30322 पशु इस संक्रमण से ठीक भी हुए हैं। विभाग के पास मौजूदा समय में 118153 वैक्सीन की डोज उपलब्ध है। इस संक्रमण से बचाव के लिए विभाग को हर महीने 322350 वैक्सीन की अतिरिक्त जरूरत है। पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पशुओं को इस संक्रमण से बचाव के लिए सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। टीकाकरण अभियान को और तेजी से बढ़ाने के लिए कहा गया है। हिमाचल प्रदेश की तरह सात अन्य राज्यों में भी इस बीमारी का प्रकोप बढ़ा है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों में यह बीमारी पशुओं को काल का ग्रास बना रही है। ऐसे में राज्य ने केंद्र से मांग की है कि इन राज्यों की तरह हिमाचल को भी एनडीआरएफ के तहत बीमारी की रोकथाम और मुआवजे के लिए अतिरिक्त वित्तीय लाभ मुहैया करवाया जाए। मामला अभी भी केंद्र सरकार के विचाराधीन है।
Next Story