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हिमाचल प्रदेश
हिमाचल में उपभोक्ता डकार गए बिजली बोर्ड के 389 करोड़ रुपए
Shantanu Roy
3 Dec 2022 9:49 AM GMT

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बड़ी खबर
शिमला। हिमाचल में उपभोक्ता बिजली बोर्ड के 389 करोड़ रुपए डकार गए हैं। जानकारी के अनुसार बिजली बोर्ड के 389 करोड़ के बिजली बिल लंबे समय से लंबित हैं। फ्री बिजली देने के बाद बोर्ड पर बढ़ते वित्तीय बोझ के बाद बोर्ड की ओर से ऐसे उपभोक्ताओं को 15 दिन का अल्टीमेटम जारी किया गया है, जिन्होंने कई वर्षों व महीनों से बिल जमा नहीं करवाए हैं। इसके तहत इन्हें 15 दिन में बिल जमा करवाना होगा, दूसरी स्थिति में इनका बिजली का कनैक्शन काट दिया जाएगा। बिजली बोर्ड ने पिछले एक साल से लगातार ही लंबित बिलों को काटने का फैसला लिया है। बोर्ड प्रबंधन ने संकेत भी दिए हैं कि अगर किसी भी सर्कल में किसी भी अधिकारी ने तय समय के भीतर रिपोर्ट नहीं दी है तो उन पर गाज गिरना तय है। सबसे ज्यादा बिजली बिलों के डिफाल्टर उद्योग हैं। 155 करोड़ रुपए की बकाया राशि इनके ऊपर है। जल शक्ति विभाग से 70 करोड़ का बिजली का बिल, कृषि विभाग के 4 करोड़, बल्क सप्लाई का 9.89 करोड़, स्ट्रीट लाइट का 6 करोड़, अस्पताल और अन्य कार्यालयों से 15 करोड़, निर्माण कार्यों के लिए जारी की गई अस्थायी बिजली कनैक्शन के 6 करोड़ रुपए की बिजली के बिल लंबित हैं।
बिजली के घरेलू उपभोक्ताओं से 55 करोड़ रुपए का बिजली का बिल वसूला जाना है। बोर्ड के बिजली बिलों की 40 करोड़ की राशि तो कानूनी जंग में उलझी है। राज्य बिजली बोर्ड के लिए सबसे बड़ी समस्या कर्मचारियों का 160 करोड़ का वेतन की अदाएगी भी है। राज्य बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक पंकज डढवाल ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए बोर्ड ने ऑनलाइन बिङ्क्षलग की सेवा भी शुरू की है। इससे लोगों को बिजली का बिल जमा करने के लिए लंबी लाइनों में खड़ा रहने से निजात मिली है। इसके बावजूद लोग बिजली का बिल जमा नहीं कर रहे हैं। बिजली के बिल की करोड़ों रुपए के लंबित मामलों की वसूली के लिए सभी फील्ड स्टाफ को सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्हें पहले डिफाल्टर को नोटिस जारी करने के लिए कहा गया है। इसके बाद बिजली के काटने के आदेश दिए गए हैं।
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