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वेतन विसंगति के मामलों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से वसूली गैरकानूनी, हिमाचल हाईकोर्ट का फैसला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने वेतन विसंगति से जुड़े मामलों में एक महत्वपूर्ण फैसले में दिशा-निर्देश जारी करते हुए, कहा कि नियोक्ताओं की ओर से वसूली कानून में स्वीकार्य नहीं होगी। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बरोवालिया की खंडपीठ ने कहा कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी सेवा से संबंधित कर्मचारियों से वसूली गैरकानूनी है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों या एक वर्ष के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों से वसूली के आदेश देने की अनुमति नहीं है। कोर्ट ने तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को विभागों की ओर से वेतन निर्धारित करते समय की गई अधिक अदायगी की वसूली को गैर कानूनी ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि देय वेतन से अधिक अदायगी की वसूली नियोक्ता नहीं कर सकता है। ऐसे मामलों में वसूली तब होती है, जब आदेश जारी होने से पहले ऐसे कर्मचारियों को पांच साल से अधिक की अवधि के लिए अतिरिक्त भुगतान किया गया हो।