हिमाचल प्रदेश

जीएसटी फर्जीवाड़े में आधार कार्ड से सही मालिकों की पहचान, गुजरात से जुड़ा फर्जी कंपनियों का कनेक्शन

Gulabi Jagat
5 April 2023 10:17 AM GMT
जीएसटी फर्जीवाड़े में आधार कार्ड से सही मालिकों की पहचान, गुजरात से जुड़ा फर्जी कंपनियों का कनेक्शन
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शिमला: हिमाचल समेत समूचे देश को जीएसटी पंजीकरण में करोड़ों का चूना लगाने वाली फर्मों का खुलासा आधार कार्ड से हुआ है। इन फर्मों ने हिमाचल में आवेदन करते वक्त जो पते दिखाए थे वो फर्जी पाए गए हैं। दरअसल, जीएसटी पंजीकरण के लिए आने वाले सभी आवेदन जीएसटी सिस्टम में जाते हैं। इसमें तीन आवेदन करने होते हैं। आवेदन की पहली प्रति केंद्र को जाती, दूसरी राज्य को और तीसरी फिर से केंद्र को जाती है। जिन चार फर्मों ने फर्जीवाड़ा किया है उनका पंजीकरण तीन पेन नंबरों के अंतर्गत हुआ था। इससे पहली बार यह खुलासा हुआ कि दो फर्में एक ही मालिक की हैं, जबकि दो अन्य फर्मेंअलग-अलग मालिकों की हैं। इन तीनों लोगों ने जो आधार कार्ड पंजीकरण के साथ लगाए हैं उनके गुजरात का पता दर्ज है। इससे इन फर्मों के मालिकों का गुजरात से होने का भी खुलासा जांच के दौरान हुआ है। इन तीनों लोगों ने मिलकर पूरे देश में जीएसटी पंजीकरण के लिए 187 आवेदन कर दिए। इनमें से दस आवेदन हिमाचल में भी किए गए।
हिमाचल में जब इस मामले की भनक इकोनोमिक इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) को लगी तो उन्होंने मामले की छानबीन शुरू की। इस जांच में देश भर में फैले इस बड़े फर्जीवाड़े के कई सिरे विभाग के हाथ लग गए। हिमाचल में जो दस आवेदन किए गए थे, उनकी मंजूरी राज्य ने नहीं दी। लेकिन चार आवेदनों को केंद्र से स्वीकृति मिल गई। इन फर्मों के कामकाज में भी प्रदेश के भीतर कई विसंगतियां पाई गई हैं। प्रदेश में नौ करोड़ 43 लाख रुपए का फर्जी इनपुट टैक्स हासिल किया गया, जबकि देश भर में फर्मों ने अलग-अलग राज्यों में 27 करोड़ की धोखाधड़ी कर दी। अब इन फर्मों के पंजीकरण को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है और इसके लिए हिमाचल की तरफ से केंद्र को पत्र लिखा गया है। इन फर्मों को मंजूरी केंद्र ने दी है, ऐसे में केंद्र से ही फर्मों को बंद करने की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी। राज्य से इस मामले को केंद्र के समक्ष उठाया है।
फर्जी पंजीकरण से देश में 27 करोड़ का घपला
आबकारी एवं कराधान विभाग के राज्य आयुक्त युनुस ने बताया कि फर्जी पंजीकरण से यह फर्में हिमाचल में 9.43 करोड़ व पूरे देश में 27 करोड़ का फर्जीवाड़ा कर चुकी हैं। अब हिमाचल में आवेदन करने पर इकोनोमिक इंटेलिजेंस यूनिट की जांच में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। इन फर्मों के माध्यम से 56 करोड़ का टर्नओवर बताकर 9.43 करोड़ का फेक टैक्स क्रेडिट हासिल किया है।
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