हिमाचल प्रदेश

मांगों को लेकर शिमला में हड़ताल पर बैठी एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन, 21 तक न माने, तो 22 से काम छोड़ो हड़ताल

Renuka Sahu
15 July 2022 5:51 AM GMT
HRTC Conductor Union sitting on strike in Shimla over demands, if you do not agree till 21, then leave the strike from 22
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फाइल फोटो 

छठे वेतन आयोग के लागू होने से एचआरटीसी कंडक्टरों के वेतन में आई विसंगति के विरोध में कंडक्टर यूनियन ने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। छठे वेतन आयोग के लागू होने से एचआरटीसी कंडक्टरों के वेतन में आई विसंगति के विरोध में कंडक्टर यूनियन ने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। शिमला के पुराना बस स्टैंड में कंडक्टर यूनियन के पदाधिकारी भूख हड़ताल पर बैठ गए है। इसी तरह प्रदेश के अन्य मंडलीय कार्यालयों में भी एचआरटीसी कंडक्टरों की भूख हड़ताल शुरू हो गई है। कंडक्टर यूनियन ने चेताया है कि अगर 21 जुलाई तक सरकार द्वारा कंडक्टर यूनियन को वार्ता के लिए नहीं बुलाया जाता हैं, तो फिर यूनियन 22 जुलाई को बड़ा कदम उठाएगी। यूनियन प्रदेश में काम छोड़ो आंदोलन भी शुरू कर सकती है। बीते मंगलवार को शिमला में कंडक्टर यूनियन ने बैठक कर हड़ताल करने का निर्णय लिया था।

कंडक्टर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कृष्णचंद ने कहा कि सरकार द्वारा दिए जा रहे छठे वेतन आयोग में क्लास थ्री के सभी कर्मचारियों को 10300+3200 का वेतनमान देने की बात की गई थी, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। ऐसे में कंडक्टर यूनियन के सदस्य आगामी 12 दिन तक पुराना बस स्टैंड में इसी तरह से क्रमिक हड़ताल पर बैठे रहेंगे। एचआरटीसी कर्मचारियों का वेतन 5910+1900 फिक्स किया गया है। हिमाचल परिवहन कंडक्टर यूनियन का आरोप है कि वर्ष 2012 से परिवहन निगम में अधिकारियों द्वारा क्लास थ्री के कर्मचारियों का वेतन 5910+2400 मनमाने तरीके से फिक्स कर दिया था, जबकि अब इसे फिर से घटाकर 5910+1900 कर दिया है। वेतनमान बढ़ाने की जगह घटाया गया है। यूनियन का कहना है कि हिमाचल में सिर्फ कंडक्टर ही ऐसी कैटेगरी है, जिन्हें वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
10 दिन का समय
कंडक्टरों की वेतन विसंगति पर कोई निर्णय लेने के लिए एचआरटीसी प्रंबधन ने दस दिन का समय मांगा है। बताया जा रहा है कि प्रबंधन पंजाब व हरियाणा की तरह कंडक्टरों को कलर्क के बराबर ग्रेड-पे देने के लिए इन राज्यों का पैटर्न स्टडी कर रहा है। इसके लिए इन राज्यों के दस्तावेज भी स्टडी किए जा रहे हैं।
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