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उद्यान विभाग ने टैंक बनाने के लिए दी 70 हजार रुपए की सबसिडी
हमीरपुर: पौष्टिकता एवं औषधीय गुणों से भरपूर और बाजार में अकसर ऊंचे दामों में मिलने वाला फल ‘कीवी’ क्या हमीरपुर जैसे इलाके में भी हो सकता है। आम तौर पर तो यह असंभव ही लगता था, लेकिन जिला के भोरंज उपमंडल के गांव हनोह के सुरेश कुमार और उनकी पत्नी रमेश कुमारी ने उद्यान विभाग की मदद से लगभग 12 कनाल जमीन पर कीवी के 100 पौधों का बागीचा तैयार करके सभी मिथकों को तोड़ दिया है। मात्र पांच महीने में ही सुरेश कुमार के बागीचे में लहलहा रहे किवी के बेलनुमा पौधे साफ बयां कर रहे हैं कि हमीरपुर जैसे क्षेत्र में भी किवी के उत्पादन की काफी अच्छी संभावनाएं हैं। दरअसल, सुरेश कुमार करीब 40 वर्षों से दिगी में एक प्रसिद्ध बासमती निर्यातक कंपनी में कार्य कर रहे थे। वहां खेती-किसानी से जुड़ी गतिविधियों में उनकी काफी रुचि रहती थी तथा वह अपनी जमीन पर नकदी फसलों की खेती के सपने देखते थे, लेकिन नौकरी की व्यस्तताओं तथा उपयुक्त जमीन के अभाव में वह अपने इस सपने को पूरा नहीं कर पा रहे थे। कंपनी से रिटायर होने के बाद सुरेश कुमार कृषि-बागबानी में कुछ नया करने की सोच रहे थे, लेकिन संसाधनों की कमी आड़े आ रही थी।
इस बीच उन्होंने लगभग 12 कनाल जमीन खरीदी और कड़ी मेहनत करके खेत तैयार किए। इसी दौरान उन्हें उद्यान विभाग की विभिन्न सबसिडी योजनाओं की जानकारी भी मिली। विभाग के अधिकारियों ने सुरेश कुमार का मार्गदर्शन किया तथा उन्हें कीवी की खेती के लिए प्रेरित किया। उद्यान विभाग ने टैंक निर्माण के लिए सुरेश कुमार को 70 हजार रुपए की सबसिडी जारी की। इसके अलावा कीवी के पौधों के लिए भी अनुदान प्रदान किया। सुरेश कुमार का कहना है कि कीवी की पैदावार से किसान-बागबान अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं, क्योंकि बाजार में यह फल बहुत ही ऊंचे दामों पर बिकता है। उद्यान विभाग की पे्ररणा से सुरेश कुमार ने अब नींबू और अन्य प्रजातियों के पौधे भी लगाए हैं। विभिन्न सबसिडी योजनाओं के लिए प्रदेश सरकार का धन्यवाद करते हुए सुरेश कुमार और उनकी पत्नी रमेश कुमारी का कहना है कि इन योजनाओं का लाभ उठाकर आज के युवा कृषि-बागबानी और इनसे संबंधित अन्य गतिविधियों के माध्यम से घर में ही अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं।