हिमाचल प्रदेश

उनका पिता आया है बस एक बार उठ जाओ, पथराईं आंखों से रमेश बोले- मेरे बच्चों से कहो

Admin4
3 Aug 2022 11:03 AM GMT
उनका पिता आया है बस एक बार उठ जाओ, पथराईं आंखों से रमेश बोले- मेरे बच्चों से कहो
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला 

गांव से साथ आए लोगों ने रमेश की हालत देखते हुए उन्हें शवगृह से दूर एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठा दिया। लेकिन रमेश की नजरें लगातार शव गृह की ओर ताकती रहीं। इस बीच रमेश कई बार बेसुध भी हो गए।

मेरे बच्चों से कहो उनका पिता आया है... बस एक बार उठ जाओ। बहुत बोला था - मत जाओ। पर नहीं माने। काल मेरे परिवार को खा गया। क्षेत्रीय अस्पताल में मंगलवार सुबह बनूड़ से पहुंचे रमेश बिलखते हुए बार-बार यही कहते रहे।

गांव से साथ आए लोगों ने रमेश की हालत देखते हुए उन्हें शवगृह से दूर एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठा दिया। लेकिन रमेश की नजरें लगातार शव गृह की ओर ताकती रहीं। इस बीच रमेश कई बार बेसुध भी हो गए। रुंधे गले से रमेश ने कहा - साहब! गरीब परिवार से हैं और बड़ी मेहनत करके बच्चों का कंधा अपने बराबर किया था। पिछले साल एक भाई सड़क हादसे में घायल हो गया और वह अभी तक बिस्तर पर है।

अब उसके दोनों बेटे चल बसे। एक भाई और मेरा बेटा भी शव गृह में पड़े हैं। रमेश ने कहा कि बच्चे पिछले तीन चार दिन से जिद कर रहे थे कि हिमाचल प्रदेश के धार्मिक स्थलों में दर्शन करने जाना है। मैंने बहुत मना किया लेकिन सोमवार तड़के बच्चे घर से मोटरसाइकिल पर निकल गए और शाम तक हमसे बिछड़ गए। रमेश ने कहा कि उन्होंने बच्चों से कहा भी कि वह भी साथ जाना चाहता है लेकिन बच्चों ने कहा - पापा अगली बार ले जाएंगे। उस लम्हे को याद करते रमेश की आंख नम हो गई। उन्होंने कहा - काश उनके साथ गया होता तो बच्चों को झील में नहाने न देता।

मैंने नहीं जाने दिए बच्चे : दर्शन लाल

साथ आए मौसा दर्शन लाल रमेश को दिलासा देते रहे कि इस मुश्किल घड़ी में परिवार को संभालने वाला वही है। उसे यह दर्द सहन कर परिवार को संभालना होगा। दर्शन लाल ने कहा कि मेरे दोनों बेटे भी हादसे का शिकार हुए युवकों के साथ जाना चाहते थे लेकिन मैंने मना कर दिया। कहा कि बरसात में पहाड़ी क्षेत्रों में हादसों का डर बना रहता है। इसी वजह से बच्चों को नहीं भेजा और आज वह अपने फैसले पर भगवान का शुक्र मना रहे हैं।


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