- Home
- /
- राज्य
- /
- हिमाचल प्रदेश
- /
- हिमाचली राजमाह-सेपु...
हिमाचल प्रदेश
हिमाचली राजमाह-सेपु वड़ी यूरोप में बनाएंगे पहचान, फूड एंड लैंड यूज संस्था ने सरकार को दिया फार्मूला
Gulabi Jagat
8 July 2023 4:57 AM GMT
x
शिमला: हिमाचल के पारंपरिक उत्पाद अब अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाएंगे। फूड एंड लैंड यूज कोलैबोरेशन (फोलू) ने प्रदेश सरकार को इसका फार्मूला दिया है। खास बात यह है कि हिमाचल में होने वाली तमाम गतिविधियों के लिए राज्य सरकार को किसी भी तरह का भुगतान नहीं करना होगा। संस्था स्वयंसेवकों की मदद से चार बड़े प्रोजेक्ट प्रदेश में चलाएगी। इसमें हिमाचल में पैदा हो रहे पारंपरिक अनाज को पहचान दिलाने और इसे यूरोप के देशों तक पहुंचाने का काम भी शामिल रहेगा। यह संस्था प्रदेश के राजमाह, लाल चावल, सीरा और सेपु वड़ी समेत अन्य फसलों की रेटिंग करने के बाद इन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार मुहैया करवाएगी।
संस्था ने इस प्रस्ताव पर वन विभाग के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा से मुलाकात की है। इसके अलावा यह संस्था नेचुरल फार्मिंग, ग्रीन कवर और ईको सिस्टम पर भी काम करेगी। इसके अलावा वनों के आसपास रहने वाली आबादी को शिक्षित करने और उनके लिए रोजगार के साधन पैदा करने के प्रयास किए जाएंगे। ओंकार शर्मा ने बताया कि संस्था ने प्रदेश में चल रहे जाइका प्रोजेक्ट से प्रभावित होकर यहां तमाम कदम उठाने का फैसला किया है। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता संगठन स्वयंसेवी आधार पर प्रदान की जाएगी और उनके प्रोफेशनल्स की टीम राज्य के लिए रिपोर्ट तैयार करेगी और वे हिमाचल के विभिन्न पारंपरिक उत्पादों के लिए ब्रांड निर्माण और मूल्य शृंखला में सहायता करेंगे।
प्रधान सचिव वन ओंकार शर्मा ने प्रतिनिधिमंडल को राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों, वन संसाधनों पर ग्रामीण समुदायों की निर्भरता, राज्य के ग्रीन कवर को बढ़ाने के लिए सरकार के प्रयासों और राज्य के विभिन्न विभागों और संगठनों ने स्वयं सहायता समूहों के साथ काम करने के बारे जानकारी दी। अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल और मुख्य परियोजना निदेशक जाइका वानिकी परियोजना नागेश कुमार गुलेरिया ने परियोजना के माध्यम से वनों पर निर्भर समुदायों के माध्यम से हरित आवरण बढ़ाने और उनकी आजीविका वृद्धि में किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने अब एक विस्तृत रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने का फैसला किया है। शुरुआती चरण में वन विभाग से जुड़े कार्यों पर संस्था काम करेगी। इसके बाद कृषि और बागबानी के क्षेत्र में भी संस्था की मदद ली जा सकती है। हिमाचल कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी एस विजय कुमार इस संस्था के मुख्य संरक्षक हैं।
Tagsहिमाचली राजमाह-सेपु वड़ी यूरोपआज का हिंदी समाचारआज का समाचारआज की बड़ी खबरआज की ताजा खबरhindi newsjanta se rishta hindi newsjanta se rishta newsjanta se rishtaहिंदी समाचारजनता से रिश्ता हिंदी समाचारजनता से रिश्ता समाचारजनता से रिश्तानवीनतम समाचारदैनिक समाचारब्रेकिंगन्यूजताज़ा खबरआज की ताज़ा खबरआज की महत्वपूर्ण खबरआज की बड़ी खबरे
Gulabi Jagat
Next Story