हिमाचल प्रदेश

हिमाचल जिला परिषद कर्मियों ने सरकार को दिया अल्टीमेटम, 25 से मर्ज नहीं किए, तो पेन डाउन स्ट्राइक

Renuka Sahu
19 Jun 2022 4:45 AM GMT
Himachal Zilla Parishad personnel gave an ultimatum to the government, if not merged with 25, then pen down strike
x

फाइल फोटो 

जिला परिषद कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में मर्ज करने को लेकर जिला परिषद कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने सरकार को फिर से अल्टीमेटम दिया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जिला परिषद कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में मर्ज करने को लेकर जिला परिषद कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने सरकार को फिर से अल्टीमेटम दिया है। महासंघ ने कहा है कि अगर 25 जून से पहले कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में मर्ज नहीं किया, तो पेन डाउन स्ट्राइक की जाएगी। शनिवार को प्रदेश के सभी जिलों में जिला परिषद कर्मचारियों ने जिला उपायुक्त के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा है। हिमाचल प्रदेश में जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में मर्ज करने की फाइल वित्त विभाग के पास अटकी हुई है। वित्त विभाग से जिला परिषद कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में मर्ज करने के लिए अभी तक अनुमति नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि जिला परिषद कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में मर्ज करने के लिए तकनीकी दिक्कतें पेश आ रही हैं।

ऐसे में अभी जिला परिषद कर्मचारियों को मर्ज करने के मसले में देरी हो सकती है। उधर, जिला परिषद कर्मचारी अधिकारी महासंघ हिमाचल प्रदेश ने आरोप लगाया है कि वित्त विभाग व पंचायती राज विभाग की ओर से जानबूझ कर मामले को लटकाया जा रहा है। कर्मचारियों का पंचायतीराज विभाग में मर्जर कैसे हो सकता है। इस बारे में कर्मचारियों व अधिकारियों की ओर से विभाग को सभी प्रकार के सुझाव दे दिए गए हैं, लेकिन दोनो विभाग इस मसले को जानबूझ कर लटका रहे हैं। महासंघ के महासचिव दिलीप शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान वित्त सचिव व निदेशक पंचायतीराज विभाग को आदेश दिए गए थे, कि कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में मर्ज करने में आ रही दिक्कतों का जल्द समाधान किया जाए और अगली कैबिनेट में इस मामले को लाया जाए। उन्होंने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद भी दोनों विभाग इस मामले में लापरवाही बरत रहे हैं।
दोहरे मापदंडों का प्रयोग…
जिला परिषद कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने आरोप लगाया है कि एक ही विभाग में दोहरे मापदंडों का प्रयोग हो रहा है। ग्रामीण विकास विभाग में वाटरशेड प्रोजेक्ट के कर्मचारियों को पहले मर्ज किया जा चुका है। महासंघ का कहना है कि जब वाटरशेड प्रोजेक्ट के कर्मचारी ग्रामीण विकास विभाग में मर्ज हो सकते हैं, तो फिर जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को पंचायतीराज विभाग में क्यो मर्ज नहीं किया सकता है।
Next Story