हिमाचल प्रदेश

देश भर में कई राज्यों का विद्युत संकट दूर करेगा हिमाचल, जून से सितंबर तक चार करोड़ यूनिट बिजली सरप्लस होगी

Renuka Sahu
7 May 2022 6:12 AM GMT
Himachal will solve the power crisis of many states across the country, from June to September there will be 40 million units of electricity surplus
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फाइल फोटो 

देश भर में विद्युत संकट से जूझ रहे राज्यों को अब हिमाचल बिजली देगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश भर में विद्युत संकट से जूझ रहे राज्यों को अब हिमाचल बिजली देगा। प्रदेश में जून से सितंबर तक चार करोड़ यूनिट बिजली सरप्लस होगी। 15 जून से बोर्ड इस बिजली को दूसरे राज्यों में बेचेगा और इससे प्रतिदिन 40 करोड़ रुपए की आमदनी हिमाचल को मिलेगी। बिजली बोर्ड 12 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बाहरी राज्यों को बिजली बेच रहा है, लेकिन इसमें एक रुपए की लागत प्रबंधों पर आती है और 11 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बोर्ड को वे राज्य भुगतान करते हैं, जिन्हें बिजली बेची जाती है। बिजली बोर्ड ने उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए 176 मेगावाट के दो प्रोजेक्टों के साथ एमओयू किया है। शाबड़ा कुंडू और कासंग परियोजनाओं से बिजली बोर्ड आवश्यकता के समय तीन रुपए 40 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली की खरीद करेगा और इसी बिजली को बाहरी राज्यों में 12 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से सप्लाई कर देगा। बिजली बोर्ड को अप्रैल महीने में गंभीर बिजली संकट से जूझना पड़ा था।

बोर्ड के पास चार थर्मल प्लांट हैं और इनमें 50 फीसदी ही उत्पादन अप्रैल महीने में हो रहा था। इन थर्मल प्लांट की क्षमता 250 मेगावाट है, जबकि यह 125 मेगावाट ही बिजली पैदा कर पा रहे थे। इसकी वजह से बोर्ड को बाहरी राज्यों से बिजली की खरीद करनी पड़ी है। अप्रैल महीने में व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए बोर्ड ने 12 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली की खरीद की थी और इसे पांच रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से उपभोक्ताओं को बेचा है। इस अवधि के दौरान बोर्ड को करीब सात रुपए प्रति यूनिट घाटा उठाना पड़ा है। हालांकि बोर्ड का दावा है कि 15 जून के बाद जब बिजली का उत्पादन बढ़ेगा, तो यह घाटा पूरा हो जाएगा। फिलहाल, बिजली बोर्ड को उम्मीद है कि 15 जून से बिजली बोर्ड रोजाना 40 करोड़ रुपए की बिजली पड़ोसी राज्यों को मुहैया करवाएगा। वहीं ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने बताया कि प्रदेश 15 जून से सितंबर महीने तक 40 करोड़ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से बिजली बाहरी राज्यों में बेचेगा। इससे प्रदेश के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। (एचडीएम)
हिमाचल और अरुणाचल में एमओयू साइन
हिमाचल और अरुणाचल प्रदेश के बीच एमओयू हस्ताक्षर हुआ है। इसके तहत प्रदेश से 15 लाख प्रतिदिन बिजली की सप्लाई अरुणाचल प्रदेश में भेजी जाती है। प्रदेश में जब बिजली की किल्लत होती है, तो 25 फीसदी बढ़ोतरी के साथ इस सप्लाई को वापस ले लिया जाता है। फिलहाल, इस समय प्रदेश में कोई भी बिजली संकट नहीं है और बिजली की सप्लाई सामान्य चल रही है। हालांकि भविष्य में कभी भी बिजली का संकट पैदा होता है, तो ऐसे में अरुणाचल प्रदेश से हुआ समझौता बोर्ड के लिए मददगार साबित हो सकता है।
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