हिमाचल प्रदेश

दस साल में आत्मनिर्भर होगा हिमाचल, विश्व जलदिवस पर कार्यक्रम के दौरान बोले सीएम सुक्खू

Gulabi Jagat
23 March 2023 9:19 AM GMT
दस साल में आत्मनिर्भर होगा हिमाचल, विश्व जलदिवस पर कार्यक्रम के दौरान बोले सीएम सुक्खू
x
शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने का टारगेट तय कर दिया है। उन्होंने आगामी दस साल की समयसीमा तय की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आगामी दस वर्षों में हिमाचल विकसित और आर्थिकी रूप से आत्मनिर्भर राज्य बनकर उभरेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि तय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सामूहिक रूप से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों को जीवन में जल के उपयोग और प्रबंधन के उचित तरीकों के बारे में समझाना होगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू विश्व जल दिवस के अवसर पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यूवी तकनीक के माध्यम से लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने की योजना बना रही है। राज्य सरकार ने 31 मार्च 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इस दिशा में आगे बढ़ते हुए हरित हाइड्रोजन से संबंधित एक महत्वपूर्ण समझौता शीघ्र ही होने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सशक्त हिमाचल बनाने के लिए व्यवस्था परिवर्तन और कठोर निर्णय लेने की आवश्यकता है। इस वर्ष के विश्व जल दिवस का विषय ‘एक्सलरेटिंग चेंज’ रखा गया है।
उन्होंने जल के उपयोग और प्रबंधन के हमारे प्रतिदिन के तौर-तरीकों में बदलाव का आह्वान करते हुए कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक 40 प्रतिशत जनसंख्या को पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पेयजल के सीमित स्रोत हैं और सभी की सामूहिक भागीदारी से जलसंरक्षण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जलसंरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने जल जीवन मिशन पर लगभग 5500 करोड़ रुपए व्यय करने के बावजूद दूरदराज क्षेत्रों में लोगों के घरों तक पेयजल की सुविधा नहीं मिल पाई। इससे पहले जलशक्ति विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
सूख रहे प्राकृतिक जलस्रोत
सीएम सुक्खू ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों, कम या असमय बारिश और हिमपात के परिणामस्वरूप प्राकृतिक जलस्रोत सूख रहे हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इन महत्वपूर्ण जल संसाधनों के संरक्षण के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों का जल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
50 ग्राम जल स्वच्छता समितियां सम्मानित
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अवसर पर नौ जिलों की 50 ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों और ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। इन ग्राम पंचायतों ने विभिन्न जल आपूर्ति योजनाओं के संचालन, रखरखाव और वितरण के संबंध में जलशक्ति विभाग के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के साथ बेहतर समन्वय के साथ कार्य करने के लिए प्रदेश के खंड स्रोत समन्वयकों, जिला ऊना की अंबेदिका शर्मा, रेणु बाला, पूनम सैणी, राजिंदर कौर, प्रदीप कुमार, शिमला के जगदीश चंदी व जोगिंदर सिंह और जिला किन्नौर की चित्र रेखा को भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जल और इसके माध्यम से प्रकृति के संरक्षण में योगदान देने की शपथ भी दिलाई।
Next Story