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हिमाचल प्रदेश: हाई कोर्ट से मिली राहत, भाजपा प्रत्याशी इंदिरा कपूर की सजा पर रोक, कर सकेंगी नामांकन

Gulabi Jagat
21 Oct 2022 7:18 AM GMT
हिमाचल प्रदेश: हाई कोर्ट से मिली राहत,  भाजपा प्रत्याशी इंदिरा कपूर की सजा पर रोक, कर सकेंगी नामांकन
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शिमला
चंबा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की प्रत्याशी इंदिरा कपूर का नामांकन पत्र भरने का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश उच्च न्यायालय ने विशेष जज चंबा की अदालत द्वारा उन्हेंं भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत सुनाई गई सजा पर रोक लगा दी है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने इंदिरा कपूर द्वारा दायर आवेदन पर उपरोक्त आदेश पारित किए। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार 24 अक्तूबर, 2013 को प्रार्थी व सह आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471 व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(2) के तहत पुलिस स्टेशन सदर, चंबा, जिला चंबा में आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। विशेष जज चंबा की अदालत के समक्ष आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया गया। प्रार्थी के खिलाफ यह आरोप था कि वह जब वार्ड साच जिला परिषद की सदस्य थी, तो उनके कार्यकाल के दौरान राज्य सरकार की ओर से काफी ग्रांट व फंड विकास कार्यों के लिए हस्तांतरित किया गया था। प्रार्थी व सह आरोपियों ने सरकारी धन का दुरुपयोग करने के उद्देश्य से दस्तावेजों में गलत एंट्रियां डालकर गलत लोगों को धन हस्तांतरित कर दिया, जबकि इन लोगों ने निर्माण कार्य किया ही नहीं था। सात अगस्त, 2021 को स्पेशल जज चंबा ने प्रार्थी व अन्य सह आरोपियों को दोषी करार देते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467 468 व 471 के तहत तीन तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई, जबकि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (2) के तहत एक साल के कारावास की सजा सुनाई थी।
विशेष जज चंबा की अदालत द्वारा पारित फैसले को अपील के माध्यम से हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई। 24 अगस्त, 2021 को प्रार्थी की सजा को निलंबित कर दिया था। चूंकि भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रार्थी को चंबा विधानसभा क्षेत्र के लिए टिकट आबंटित किया गया है, तो इस स्थिति में प्रार्थी को सुनाई गई सजा पर रोक लगाना अति आवश्यक था, क्योंकि तीन वर्ष के कारावास की सजा के चलते वह नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए पात्रता नहीं रखती हैं, विशेषता जब हाई कोर्ट की ओर से विशेष जज चंबा की अदालत पर किसी भी तरह की रोक लगाने के पारित नहीं किए गए हैं। प्रदेश उच्च न्यायालय ने मामले से जुड़े तथ्यों व रिकार्ड का अवलोकन करने के पश्चात यह पाया कि प्रथम दृष्टया स्पेशल जज चंबा की अदालत द्वारा पारित किए गए फैसले पर स्थगन आदेश पारित किए जा सकते हैं। हाई कोर्ट में उपरोक्त सजा पर रोक लगा दी, जिससे प्रार्थी के विस क्षेत्र चंबा के लिए भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल करने का रास्ता साफ हो गया है।
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