हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश: महंत रूपेश्वर गिरि बने पेड़ वाले बाबा, तैयार की है 6,000 पेड़ों की वाटिका

Kajal Dubey
5 Jun 2022 9:26 AM GMT
हिमाचल प्रदेश: महंत रूपेश्वर गिरि बने पेड़ वाले बाबा, तैयार की है 6,000 पेड़ों की वाटिका
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महंत रूपेश्वर गिरि बने पेड़ वाले बाबा
हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के बरठीं से पांच किलोमीटर दूर माता खबड़ी देवी मंदिर बल्हसीणा के महंत रूपेश्वर गिरि की पहचान अब पेड़ वाले बाबा के रूप में होने लगी है। बिना किसी अनुदान या सरकारी मदद लिए उन्होंने अब तक 6,000 से ज्यादा औषधीय और अन्य प्रजातियों के पौधे मंदिर परिसर में लगाए हैं। मंदिर की 15 बीघा भूमि में एक वाटिका तैयार की है। इनमें सागवान, खैर, आम, अमरूद, हरड़, बहेड़ा, आंवला, रुद्राक्ष, बांस, चंदन, बट, पीपल, अर्जुन और कटहल सहित विभिन्न प्रजातियों के पौधे शामिल हैं।
महंत रूपेश्वर गिरि ने बताया कि वह 17 साल से पर्यावरण संरक्षण में लगे हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए 10 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं। पौधों की खरीद के साथ उनके रखरखाव और बाड़बंदी के लिए भी काम कर रहे हैं। मंदिर परिसर में लगभग 40 लाख रुपये से गुंबद के निर्माण के अलावा अन्य मंदिरों के विकास के लिए भी पैसा दे चुके हैं। संवाद
कोई अधिकारी नहीं पहुंचा बगीचा देखने
महंत रूपेश्वर गिरि ने बताया कि कई बार बताने के बावजूद सरकार और वन विभाग के अधिकारी उनके बगीचे को देखने नहीं आए। वह वर्ष 2005 से लगातार पौधे रोपते आ रहे हैं। दियोटसिद्ध मंदिर की तरह इस स्थल को भी पर्यटकों के लिए विकसित किया जा सकता है। विकास खंड झंडूता के अंतर्गत आने वाले इस मंदिर में हजारों लोगों की आस्था का केंद्र कुलदेवी (कुलजा) है।
एक पेड़ सौ पुत्रों के समान
महंत रूपेश्वर गिरि ने कहा कि एक पेड़ सौ पुत्रों के समान होता है। पेड़ हमें जहरीली गैसों से बचाते हैं। पेड़ों से हरा-भरा बगीचा मन को प्रसन्नता देता है। मेरा मकसद भारत और राज्य सरकार के पर्यावरण संरक्षण एवं पौधरोपण अभियान में योगदान देना है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से भी गुजारिश की है कि इस मंदिर में वाटिका को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।
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