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हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश: अंबुजा सीमेंट कंपनी बंद होने से 600 करोड़ का नुकसान
Gulabi Jagat
16 Dec 2022 12:30 PM GMT
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हिमाचल प्रदेश न्यूज
सोलन
अंबुजा सीमेंट कंपनी के प्रबंधक वर्ग द्वारा उत्पादन बंद करने व कर्मचारियों को ऑन लीव भेजने के एकतरफा निर्णय के बाद हजारों ट्रक आपरेटर्ज को किराए के रूप में मिलने वाले सालाना 600 करोड़ के राजस्व का प्रत्यक्ष नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके साथ-साथ इस तालाबंदी से करीब पांच हजार ट्रकों के पहिये भी पूरी तरह से थम गए हैं। अंबुजा सीमेंट कंपनी में ढुलाई कार्य में लगी आठ सोसाइटियों के आपरेटर्ज को एक माह में करीब 50 करोड़ रुपए का भुगतान होता है। इस सीमेंट कंपनी में एसडीटीओ, एडीकेएम, बीएलएल, जीएलएल, केएलएल, एक्स-सर्विसमैन सोलन, एक्स-सर्विसमैन हमीरपुर, माईनिंग लैंड लूजजऱ् के बैनर तले सिक्स टायर व मल्टी एक्सल के हजारों ट्रक संचालित हैं। अंबुजा सीमेंट कंपनी में प्रतिमाह 90 हजार 508 मीट्रिक टन क्लींकर व 40 हजार 64 मीट्रिक टन का सीमेंट उत्पादन होता है। इस कंपनी के अस्तित्व में आने के बाद प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से हजारों परिवारों को रोजगार मिला है।
अब प्रबंधक वर्ग के एकदम फैक्टरी में तालाबंदी के फरमान से ट्रक आपरेटर्ज में हडक़ंप मच गया है। उधर, उपायुक्त सोलन कृतिका कुल्हारी ने कहा कि मामले को सुलझाने के लिए अंबुजा प्रबंधन व ट्रांसपोर्टर्स को बुलाया गया था। बैठक में केवल अंबुजा प्रबंधन के प्रतिनिधि पहुंचे थे और उन्होंने अपना पक्षा रखा है। किसी कारणवश बैठक में शामिल न हो पाए ट्रांसपोर्टर्स को एक-दो दिनों के भीतर बुलाया जाएगा और उनका व प्रबंधन का पक्ष सुनकर मामले को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा। वहीं चेयरमैन, एसडीटीओ जयदेव कौंडल का कहना है कि कंपनी का यह निर्णय मान्य नहीं हो सकता तथा आगामी कार्यवाही के लिए सभी ट्रक ऑपरेटर यूनियन के सदस्यों की आम सभा शुक्रवार को दाड़लाघाट में बुलाई गई है।
बात करने आए एएसपी
गुरुवार को दाड़लाघाट क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस अधिकारी भी कसरत करते नज़र आए। हालांकि पहले शिमला से आईजी रैंक के किसी अधिकारी के आने की चर्चा थी, परंतु ऐन वक्त पर सोलन के एएसपी अजय राणा को दाड़लाघाट भेजा गया। अजय राणा ने पहले विभिन्न ट्रक यूनियनों के अधिकारियों व बाद में अंबुजा प्रबंधक से बातचीत की।
17 साल पुराने समझौते पर काम करने की शर्त
दिव्य हिमाचल ब्यूरो — सोलन
अडानी ग्रुप के स्वामित्व वाली अंबुजा सीमेंट कंपनी ने ट्रक आपरेटरों को 2005 के यानी 17 साल पूर्व के निर्धारित किराए पर काम करने के फरमान जारी करके हजारों ट्रक आपरेटर के परिवारों पर कुठाराघात कर दिया। कंपनी ट्रांसपोर्टेशन की बहुत अधिक कीमत का हवाला देकर आपरेटर्ज को कहा है कि वह पहाड़ी क्षेत्र में छह रुपए प्रति किलोमीटर व मैदानी क्षेत्रों में तीन रुपए प्रति किलोमीटर की दर से यदि ढुलाई कार्य करने को राजी हैं, तो कंपनी में उत्पादन शुरू होगा। इस शर्त पर कार्य नहीं करने पर उत्पादन बंद कर दिया गया है। वर्तमान में अंबुजा कंपनी 10 रुपए 58 पैसे प्रति किलोमीटर पहाड़ी क्षेत्र व पांच रुपए 29 पैसे प्रति किलोमीटर की दर मैदानी क्षेत्रों में ढुलाई के लिए किराये का भुगतान कर रही है। आिज जो अंबुजा कंपनी ने रेट निर्धारित किए हैं उस रेट पर सन् 2005 में ढुलाईकार्य किया जाता था। उस समय डीज़ल का रेट 32 रुपए प्रति लीटर था तथा टायरों, ड्राइवरों का वेतन व कलपुर्जों की कीमत भी कई गुणा कम होती थी। इस फरमान से हजारों ट्रक ऑपरेटर रातों-रात सडक़ पर आ गए हैं। ट्रकों के ऋण की अदायगी भी करोड़ों रुपए की बकाया है तथा कोविड के दंश से ट्रक ऑपरेटर अभी भी नहीं उबर पाए हैं।
Gulabi Jagat
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