हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री की संस्तुति पर मंडी के स्कूल में मल्टी टास्क वर्कर भर्ती पर लगाया रोक

Deepa Sahu
7 Dec 2021 6:24 PM GMT
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री की संस्तुति पर मंडी के स्कूल में मल्टी टास्क वर्कर भर्ती पर लगाया रोक
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को आदेश जारी किए हैं.

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को आदेश जारी किए हैं कि वह फिलहाल राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुमना, बगस्याड़, मंडी में अंशकालिक मल्टी टास्क वर्कर की क्लॉज 18 के तहत नियुक्ति न करे। कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में यह स्पष्ट किया कि विभाग इस स्कूल में मल्टी टास्क वर्कर की भर्ती क्लॉज-7 के अनुसार करने के लिए स्वतंत्र है। प्रार्थी का आरोप है कि सरकार ने अपने चहेतों को नौकरी दिलाने के लिए इस क्लॉज को रखा है, जिसके तहत मुख्यमंत्री बिना किसी शर्त के किसी को भी पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्कर पद पर नियुक्ति दे सकते हैं। प्रार्थी का आरोप है कि इस क्लॉज से अन्य पात्र अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में हिस्सा लेने का कोई मौका नहीं मिलता। एक बार पहले भी हाईकोर्ट ने पार्ट टाइम वर्कर पॉलिसी का क्लॉज-12 निरस्त किया था।

कोर्ट ने मुख्यमंत्री की ऐसी शक्तियों को भेदभावपूर्ण व मनमाना ठहराते हुए उसे खारिज किया था। अब सरकार ने उसी तरह की शक्तियां नई पॉलिसी बनाकर मुख्यमंत्री को दे दी हैं, जो न केवल गैरकानूनी है बल्कि कोर्ट के आदेशों की अवमानना भी है। न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने प्रथम दृष्ट्या प्रार्थी की दलीलों से सहमति जताते हुए संबंधित स्कूल में क्लॉज-18 के तहत मल्टी टास्क वर्कर की भर्ती पर रोक लगाने के आदेश दिए और सरकार से जवाब तलब किया है। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के तहत मल्टी टास्क वर्कर के 8000 पद भरे जाने हैं। 4000 पदों को नियम 18 के तहत मुख्यमंत्री की संस्तुति से भरा जाएगा, जबकि शेष 4000 पदों को सीधी भर्ती से भरने का फैसला लिया गया है।
हाईकोर्ट में जेओए से जुड़े मामलों की सुनवाई बुधवार को
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के पदों से जुड़े मामलों की सुनवाई बुधवार को होगी। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई होगी। याचिकाकर्ताओं के अनुसार वह इन पदों के लिए बनाए भर्ती नियमों के तहत पात्रता रखते हैं। फिर भी उनकी उम्मीदवारी अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग ने गलत तरीके से रद्द कर दी।
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