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हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश: क्रिसमस पर शिमला के क्राइस्ट चर्च में 40 साल बाद
Gulabi Jagat
1 Dec 2022 1:24 PM GMT

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शिमला, 01 दिसंबर : करीब 40 साल बाद फिर से ऐतिहासिक चर्च शिमला की कॉल बेल (Call Bell) की धुन सुनाई देगी। क्राइस्ट चर्च को शिमला की पहचान माना जाता है, चर्च में 150 साल पहले इंग्लैंड से लाई "कॉल बेल" का भी अपना महत्व है। जिसे प्रार्थना से पहले बजाया जाता है। लगभग 40 साल से यह बेल (bell) खराब पड़ी थी। बेल का रिपेरिंग (Repairing) का काम पूरा हो चुका है। 25 दिसंबर को क्रिसमस और 31 दिसंबर न्यू ईयर (new year) के मौके पर कॉल बेल शिमला में सुनाई देगी।
कॉल बेल कोई साधारण घंटी नहीं है, बल्कि मेटल से बने छह विशाल पाइप के हिस्से के बेस पर इसे बनाया गया है। घंटी के बजने के साथ ही पाइप पर संगीत के सात सुर की ध्वनि बिखर जाती है। इन पाइप पर हथौड़े से आवाज होती है, जिसे रस्सी खींचकर बजाया जाता है। यह रस्सी मशीन से नहीं, बल्कि हाथ से खींची जाती है। रविवार सुबह 11 बजे होने वाली प्रार्थना से पांच मिनट बेल बजाने की रिवायत रही है।
ब्रिटिश काल (British Era) के समय अंग्रेजों के आवास शिमला शहर में अलग अलग स्थानों पर होते थे। बेल के माध्यम से सूचित किया जाता था कि प्रार्थना शुरू होने वाली है। उस समय इसकी आवाज तारादेवी तक सुनाई देती थी। चूंकि ब्रिटिश काल में मोबाइल फोन (Mobile phone) नहीं थे लिहाजा किसी दुखद घटना और आपातकाल (Emergency) की सूचना देने के लिए भी कॉल बेल का इस्तेमाल किया जाता है। 40 साल एक बार फ़िर से क्रिसमस और न्यू ईयर के मौके पर रात 12 बजे इस बेल को बजाकर जश्न मनाया जायेगा।
गौरतलब है कि 9 सितंबर 1844 में इस चर्च की नींव कोलकाता के बिशप डेनियल विल्सन (Daniel Wilson) ने रखी थी। 1857 में इसका काम पूरा हो गया। स्थापना के 25 साल बाद इंग्लैंड से इस बेल को शिमला लाया गया था। 1982 में यह बेल खराब हो गई थी। जिसे 40 साल बाद अब दोबारा ठीक करवाया गया।

Gulabi Jagat
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