हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश: असुरक्षित भवन में चल रही आयुर्वेद डिस्पेंसरी पीरन

Gulabi Jagat
29 July 2022 12:24 PM GMT
हिमाचल प्रदेश: असुरक्षित भवन में चल रही आयुर्वेद डिस्पेंसरी पीरन
x
हिमाचल प्रदेश
शिमला
मशोबरा ब्लाॅक के अंतिम छोर की पंचायत पीरन की आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी का भवन बीते चार वर्षों से जर्जर हालत में हो चुका है। भारी बारिश के दौरान कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। विभाग शायद इसी दिन का इंतजार कर रहा है। दूसरी ओर इस डिस्पेंसरी में स्टाफ के नाम पर एक दैनिक भोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तैनात है। बीते चार सालों से लोगों के बार-बार आग्रह करने के बावजूद भी आयुर्वेद विभाग द्वारा इस डिस्पेंसरी को लावारिस बना दिया गया है।
बरसात में सारा पानी छत से नीचे कमरे में आता है जिसको रोकने के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी द्वारा कमरे की छत पर पाॅलीथिन लगाया हुआ है। बरसात में पानी और नमी के कारण डिस्पेंसरी का सारा सामान और दवाऐं खराब हो जाती है जोकि मनुष्य के इस्तेमाल के लिए वर्जित है। गौर रहे कि वर्ष 1988 के दौरान डिस्पेंसरी का भवन निर्मित किया गया था। 25 वर्ष बीत जाने के बाद इस भवन की कोई मरम्मत नहीं करवाई गई जिस कारण यह भवन जर्जर हालत में हो चुका है।
बता दें कि विभाग द्वारा इस डिस्पेंसरी के डाॅक्टर को बीते आठ माह से डेपुटेशन पर आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी गलोत में भेजा गया है। दूसरी ओर फार्मासिस्ट का डेढ वर्ष पहले तबादला कर दिया गया है। विभाग को लगता है कि डिस्पेंसरी में स्टाफ की जरूरत महसूस नहीं की जा रही है। पूर्व प्रधान दयाराम वर्मा, अतर सिंह ठाकुर, कमलेश ठाकुर, प्रीतम ठाकुर ने बताया कि पंचायत के दो स्वास्थ्य संस्थानों में डाॅक्टर न होने के कारण लोगों को अपना उपचार करवाने में बहुत परेशानी पेश आ रही है।
बताया कि सरकार के बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के दावे धरातल पर खोखले साबित हो रहे हैं। इन्होने सरकार से मांग की है कि इस औषधालय में डाॅक्टर व अन्य पदों को शीघ्र भरा जाए तथा औषधालय के जर्जर भवन के निर्माण के लिए धनराशि का प्रावधान किया जाए। उन्होने बताया कि जिस प्रकार पीरन पंचायत को वर्तमान सरकार ने विकास के नाम पर उपेक्षित रखा है इसका करारा जवाब आगामी चुनाव के दौरान दिया जाएगा।
गौर रहे कि पीरन पंचायत के लोगों को छुटपुट इलाज के लिए भी शिमला अथवा सोलन जाना पड़ रहा है। दुर्भाग्यवश क्षेत्र में यदि कोई हादसा हो जाए तो पंचायत के दो स्वास्थ्य संस्थानों में फर्स्ट एड की सुविधा उपलब्ध नहीं है। उधर, जिला आयुर्वेद अधिकारी शिमला डाॅ. पवन कुमार जैरथ का कहना है कि असुरक्षित भवन के मरम्मत बारे उच्चाधिकारियों को प्राक्कलन बीते दो वर्षों भेजा गया है जिसे निेदेशायलय द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती करना सरकार का विशेषाधिकार है।



Source: himachalnownews.com


Next Story