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हिमाचल प्रदेश
हिमाचल : जयराम के पांचवें बजट में मिशन रिपीट की चुनावी बिसात
Renuka Sahu
5 March 2022 1:20 AM GMT
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फाइल फोटो
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने पांचवें बजट में मिशन रिपीट की चुनावी बिसात बिछाई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने पांचवें बजट में मिशन रिपीट की चुनावी बिसात बिछाई है। राज्य के बजट अनुमानों में हमेशा की तरह इस बार आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया है। खजाना खाली है। नया कर्ज लेकर और केंद्र की बैसाखी के सहारे उन्होंने घाटे के इस बजट में राज्य के सभी वर्गों को लक्षित किया है। कुल राजस्व घाटा 3,903 करोड़ रुपये का अनुमानित है। सकल घरेलू उत्पाद के 4.98 प्रतिशत राजकोषीय घाटे से साफ है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के इस बजट को लागू करने के लिए 9,602 करोड़ रुपये का नया कर्ज लेना होगा। इससे अगले मार्च तक हिमाचल 75 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूब जाएगा।
वर्तमान जयराम सरकार का कार्यकाल पूरा हो रहा है तो इसी साल अक्तूबर के बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में बजट में चुनावी छाप का होना स्वाभाविक है। लेकिन इससे जयराम इस लोकलुभावन बजट से पिछली वीरभद्र और धूमल सरकारों के रिपीट नहीं कर पाने का ट्रेंड को तोड़ पाएंगे, यह भविष्य के गर्भ में है। साफ है कि जयराम ने इस बजट को हर वर्ग को थोड़ा-थोड़ा ही सही, लेकिन वित्तीय लाभ देने पर ही लक्षित किया है। राज्य की अधिकतर आबादी को लक्षित किया है। बेरोजगारों के लिए नौकरी का ऐलान, महिलाओं, युवा, बुजुर्गों आदि के लिए कई योजनाएं, सामाजिक सुरक्षा पेंशन से सबका ख्याल रखने के दावे समेत उन्होंने किसानों-बागवानों की विभिन्न स्कीमों को आगे बढ़ाकर यह जताया है कि वह सबकी चिंता करते हैं।
100 रुपये में से 26 रुपये वेतन, 15 रुपये पेंशन पर खर्च होंगे
-बजट अनुमानों के अनुसार 100 रुपये में से 26 रुपये वेतन, 15 रुपये पेंशन, 10 रुपये ब्याज अदायगी, 11 रुपये ऋण अदायगी, स्वायत्त संस्थानों के लिए ग्रांट पर 9 रुपये और शेष 29 रुपये पूंजीगत कार्यों सहित अन्य गतिविधियों पर खर्च होंगे। यानी आधारभूत ढांचा विकास पर 30 फीसदी से भी कम बजट खर्च होगा।
बजट दशाहीन और दिशाहीन: मुकेश अग्निहोत्री
वहीं, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का सदन में प्रस्तुत किया हिमाचल का बजट दशाहीन और दिशाहीन है। इसमें विकास का कोई जिक्र नहीं किया है और न ही यह बताया कि धनराशि कहां से आएगी। बजट से साफ है कि सरकार कर्ज की बैसाखी में ही चलेगी। नेता प्रतिपक्ष मुकेश ने कहा कि बजट में कर्मचारियों के मसलों को लेकर कोई जिक्र नहीं किया।
संशोधित वेतनमान का कोई उल्लेख नहीं किया। इसके साथ ही पुरानी पेंशन बहाली का मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया। प्रदेश के विकास की राशि और कम होगी। प्रदेश में 14 लाख बेरोजगार हैं, उनके बारे में कोई जिक्र नहीं है। नेशनल हाईवे का कोई उल्लेेख नहीं है। प्रदेश के आउटसोर्स कर्मियों के बारे में कोई चिंता नहीं है।
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