हिमाचल प्रदेश

हिमाचल हाई कोर्ट ने पुनर्सीमांकन संबंधी आदेश खारिज करते हुए कहा- जिलाधीश शिमला को आपत्तियों पर करना होगा पुन: विचार

Renuka Sahu
24 Sep 2022 5:42 AM GMT
Himachal High Court dismissed the order related to the restoration and said- District Collector Shimla will have to re-consider objections
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न्यूज़ क्रेडिट: divyahimachal.com

प्रदेश हाई कोर्ट ने नगर निगम शिमला के पांच वार्डों के पुन:सीमांकन के खिलाफ दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए इन वार्डों के पुन: सीमांकन संबंधी आदेशों को खारिज कर दिया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश हाई कोर्ट ने नगर निगम शिमला के पांच वार्डों के पुन:सीमांकन के खिलाफ दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए इन वार्डों के पुन: सीमांकन संबंधी आदेशों को खारिज कर दिया। न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने जिलाधीश शिमला को आदेश दिए कि वह फिर से याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर पुन: विचार करें और तथ्यों पर आधारित फैसला लें। कोर्ट ने आश्चर्य जताया कि जिलाधीश शिमला ने पुन: सीमांकन के उन आदेशों को फिर से सही ठहरा दिया, जिन्हें हाई कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि 24 जून को जिलाधीश ने जो आदेश पारित किए वे हाई कोर्ट के 3 जून के आदेशानुसार खारिज किए जा चुके हैं।

याचिकाकर्ता सिमी नंदा और राजीव ठाकुर के अनुसार उनके द्वारा उठाये गए विवादों को रद्द करते हुए डीसी शिमला ने नाभा वार्ड के कुछ क्षेत्र फागली व टूटीकंडी में मिलाने व बालूगंज बाजार को बालूगंज वार्ड में न डालने का फैसला सुनाया था। मामलों पर सुनवाई के पश्चात कोर्ट ने पाया था कि डीसी शिमला ने तथ्यों की गहराई में न जाकर याचिकाकर्ताओं के विवादों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने तीन जून को इन्ही याचिका कर्ताओं की याचिकाएं स्वीकारते हुए इन वार्डो के पुन:सीमांकन को रद्द कर दिया था और डीसी शिमला को फिर से आपत्तियों पर विस्तृत आदेश पारित करने के आदेश दिए थे। डीसी शिमला ने ऐसा न कर फिर से उन आदेशों को सही ठहरा दिया, जिन्हें हाई कोर्ट की खंडपीठ ने गैरकानूनी पाते हुए खारिज कर दिया था। इस कारण प्रार्थियों को फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
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