हिमाचल प्रदेश

हिमाचल सरकार ने केंद्र को लिखा पत्र, लंपी को महामारी घोषित करे, वायरस का संक्रमण जारी, 2406 पशुओं की मौत

Renuka Sahu
9 Sep 2022 4:14 AM GMT
Himachal government wrote a letter to the Center to declare Lumpi as an epidemic, virus infection continues, 2406 animals died
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

हिमाचल सरकार ने केंद्र से गोवंश की लंपी बीमारी को महामारी घोषित करने का आग्रह किया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल सरकार ने केंद्र से गोवंश की लंपी बीमारी को महामारी घोषित करने का आग्रह किया है। प्रधान सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन ओंकार शर्मा ने इसे लेकर संयुक्त सचिव आपदा प्रबंधन डिवीजन गृह मंत्रालय दिल्ली को पत्र लिखा है। इसमें लंपी बीमारी को महामारी अधिसूचित करने का आग्रह किया गया है, ताकि जिन किसानों के मवेशियों की इससे मौत हो रही है, उन्हें स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड के तहत मुआवजा दिया जा सके। राज्य सरकार ने पशुपालकों को उचित मुआवजा देने के लिए केंद्र से अतिरिक्त वित्तीय मदद की भी गुहार लगाई है। लंपी बीमारी से हिमाचल में अब तक 2406 मवेशियों की मौत और 58426 इससे संक्रमित हो चुके हैं। राज्य के 12 में से 9 जिलों में इससे संक्रमित मवेशी मिल चुके हैं। सिरमौर, शिमला और सोलन जिला में लंपी बीमारी ज्यादा विकराल रूप धारण कर चुकी है। लंपी बीमारी तेजी से पशुओं को अपनी चपेट में ले रही है, लेकिन एसडीआरएफ के तहत अधिसूचित नहीं होने की वजह से प्रभावित पशुपालकों को अब तक मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र द्वारा एसडीआरएफ के तहत महामारी घोषित करने के बाद पशुपालकों को मुआवजा दिया जा सकेगा।

मुआवजा देने का था मंत्री का दावा
हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान राज्य के पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सदन में कहा था कि अधिक प्रभाव वाले छह जिलों में लंबी को महामारी घोषित कर दिया गया है। उन्होंने सदन के भीतर बाकायदा मुआवजा राशि का भी ऐलान कर दिया था, लेकिन अब तक एक भी पशुपालक को मुआवजा नहीं दिया गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पास राज्य आपदा राहत कोष से मुआवजे के लिए ढेरों आवेदन आ चुके हैं, लेकिन पशुपालकों को मुआवजा नहीं मिल रहा हैं। ऐसे में पशुपालकों की परेशान और अधिक बढ़ गई हैं।

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