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हिमाचल प्रदेश
हिमाचल बिजली बोर्ड एक माह में नहीं नहीं कर पा रहा 50 फीसदी शिकायतों को दूर
Renuka Sahu
30 Jun 2022 4:07 AM GMT
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फाइल फोटो
राज्य बिजली बोर्ड एक माह में 50 फीसदी शिकायतों को भी दूर नहीं कर पा रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राज्य बिजली बोर्ड एक माह में 50 फीसदी शिकायतों को भी दूर नहीं कर पा रहा है। सीएम सेवा संकल्प पोर्टल पर दर्ज बिजली सप्लाई से संबंधित 27 शिकायतें 100 दिन बाद भी जस की तस हैं। 37 शिकायतों का निपटारा 70 से 99 दिन के बाद भी नहीं हुआ है। फरवरी, मार्च और अप्रैल 2022 में बिजली से जुड़ी करीब 3,600 शिकायतें सीएम सेवा संकल्प पोर्टल पर दर्ज हुई हैं। राज्य आईटी विभाग ने बिजली बोर्ड प्रबंधन को शिकायतों को निर्धारित समय के भीतर मुस्तैदी दिखाते हुए हल करने के लिए पत्र लिखा है। बोर्ड प्रबंधन ने अपने फील्ड अधिकारियों को शिकायतें गंभीरता से लेने के निर्देश जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री सेवा संकल्प पोर्टल पर फोन नंबर 1100 के माध्यम से फरवरी 2022 में 1,168, मार्च में 1,034 और अप्रैल 2022 में 1,584 शिकायतें दर्ज हुई हैं। फरवरी में 53 फीसदी, मार्च में 44 फीसदी और अप्रैल में 45 फीसदी शिकायतें ही हल हुई हैं। चंबा, बिलासपुर, मंडी, कांगड़ा और शिमला जिलों से संबंधित शिकायतें अधिक हैं। सरकार ने मुख्यमंत्री सेवा संकल्प पोर्टल पर दर्ज होने वाली शिकायतों को हल करने के लिए समय सीमा निर्धारित की हुई है। इसके बावजूद बिजली बोर्ड समय रहते शिकायतों को दूर नहीं कर पा रहा है। पोर्टल पर लंबित होती जा रही शिकायतों को देखते हुए आईटी विभाग ने बोर्ड प्रबंधन को इस बाबत कड़े कदम उठाने को कहा है। बोर्ड प्रबंधन की ओर से सभी फील्ड अधिकारियों को जारी पत्र में इन शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने को कहा है। कर्मचारियों और अधिकारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
बिजली बोर्ड के नए कार्यालय खोलने की जगह स्टाफ भरे सरकार : खरवाड़ा
राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप खरवाड़ा ने कहा कि बिजली बोर्ड में नए कार्यालय खोलना सही फैसला नहीं है। आज के परिपेक्ष्य में बिजली बोर्ड कार्यालयों को चलाने के लिए कर्मचारियों की जरूरत है। आज बोर्ड में कर्मचारियों के 7,000 से अधिक पद खाली चल रहे हैं। कर्मचारियों के वेतन व पेंशनरों की पेंशन की अदायगी की सुनिश्चितता रखना मुश्किल हो गया है। बिजली बोर्ड में 2 विद्युत परिचालन वृत्त, 10 विद्युत मंडल तथा 13 विद्युत उपमंडल खोलने प्रस्तावित हैं। इसमें लगभग 50 करोड़ प्रतिवर्ष अतिरिक्त वित्तीय लागत आएगी। इससे बिजली बोर्ड की वित्तीय स्थिति और बिगड़ेगी। बिजली बोर्ड में इतने कार्यालय पिछले 50 साल में नहीं खुले, जितने एक वर्ष में खोलने प्रस्तावित हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि जनता को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए बिजली बोर्ड में नये कार्यालयों को खोलने के बजाए नए कर्मचारियों की भर्ती की जाए।
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