हिमाचल प्रदेश

हिम ऊर्जा विभाग को 10 मेगावाट का टारगेट, 268 किलोवाट तक ही पहुंचा उत्पादन

Renuka Sahu
24 Nov 2022 5:15 AM GMT
Him Energy Department has a target of 10 MW, production reached only 268 kW
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

हिमाचल में घर की छतों पर सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट की रफ्तार धीमी पड़ गई है। केंद्र सरकार से प्रदेश को 10 मेगावाट का लक्ष्य मिला है, लेकिन अभी तक विभाग 2.6 फीसदी तक ही पहुंच पाया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल में घर की छतों पर सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट की रफ्तार धीमी पड़ गई है। केंद्र सरकार से प्रदेश को 10 मेगावाट का लक्ष्य मिला है, लेकिन अभी तक विभाग 2.6 फीसदी तक ही पहुंच पाया है। आदर्श आचार संहिता का असर इस बड़ी योजना पर सामने आया है। हिम ऊर्जा को जनवरी 2024 तक लक्ष्य को हासिल करना है। लेकिन अभी तक हिम ऊर्जा विभाग 268 किलोवाट के उत्पादन तक ही पहुंच पाया है। केंद्र सरकार ने बिजली की खपत को कम करने और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के मकसद से इस योजना को लांच किया था। केंद्र सरकार इस योजना में 20 फीसदी की सबसिडी भी प्रदान कर रही है, जबकि राज्य सरकार भी छह हजार रुपए प्रति प्रोजेक्ट सबसिडी प्रदान कर रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत घर की छतों पर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाने हैं और इन्हें ग्रिड के साथ जोड़ा जाना है।

बिजली के इस्तेमाल के साथ ही अतिरिक्त उत्पादन को बेचा भी जा सकता है। गौरतलब है कि छत पर तीन किलोवाट की क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में 90 हजार रुपए का खर्च आता है। इसमें से केंद्र सरकार 20 फीसदी की सबसिडी देती है, जो करीब 18 हजार रुपए बनता है। इसके साथ ही छह हजार रुपए की सबसिडी राज्य की तरफ से मिलती है। ऐसे में तीन किलोवाट का यह प्रोजेक्ट 66 हजार रुपए में स्थापित किया जा सकता है। इस क्रम को देखते हुए केंद्र सरकार ने हिमाचल को 10 मेगावाट का लक्ष्य दिया है। अभी तक हिम ऊर्जा विभाग संयंत्र स्थापित करने की गति को बढ़ाने में पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाया है। 10 हजार किलोवाट के लक्ष्य के साथ उतरे हिम ऊर्जा विभाग के खाते में अभी तक 268 किलोवाट ही जुड़ पाए हैं।
लक्ष्य पूरा करने को झोंकी ताकत
हिम ऊर्जा विभाग के सीईओ राहुल कुमार का कहना है कि हिम ऊर्जा विभाग ने 10 मेगावाट बिजली पैदावार के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इस लक्ष्य के लिए समूचे प्रदेश में आदेश दिए गए हैं। आदर्श आचार संहिता का असर कहीं न कहीं इस योजना पर जरूर पड़ रहा है, लेकिन आगामी दिनों में योजना को गति मिलने की संभावना है। घर की छतों पर बिजली पैदा कर उपभोक्ता अतिरिक्त ऊर्जा को ग्रिड में बेच पाएंगे। इससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी हो सकती है।
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