- Home
- /
- राज्य
- /
- हिमाचल प्रदेश
- /
- जेलों की दुर्दशा पर...
x
शिमला: जेलों की दुर्दशा पर कड़ा संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने तीन बड़े अफसरों को रिकार्ड सहित तलब किया है। कोर्ट ने हिमुडा के सीइओ सहित विशेष सचिव और एसडीएम नालागढ़ को उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 11 मई को निर्धारित की है। इसके अतिरिक्त अदालत ने जिला विधिक सेवा सोलन को नालागढ़ के किशनपुरा जेल के निरीक्षण की रिपोर्ट देने के आदेश दिए है। अदालत ने किशनपुरा में नवनिर्मित जेल में विभिन्न श्रेणियों के खाली पड़े पदों की जानकारी तलब की है। देश भर में 1382 जेलों की दुर्दशा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत प्रदेश हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान पाया था कि देश भर में 1382 ऐसी जेलें है, जिनकी दुर्दशा बिलकुल खराब है।
इन जेलों को मानव ठहराव के लिए उचित नहीं माना गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने भारत वर्ष के सभी उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को निर्देश दिए थे कि वे इस बारे में संज्ञान ले और सुप्रीम कोर्ट को अवगत करवाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया था। नालागढ़ स्थित किशनपुरा में नवनिर्मित जेल की सीवरेज व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश दिए थे। इसी तरह सेंट्रल जेल कंडा में एक महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती करने के आदेश पारित किए थे, ताकि महिला कैदियों की हर सप्ताह चिकित्सा हो सके। मॉडल जेल कंडा में वेंडिंग मशीन के माध्यम से सेनेटरी नैपकिन की सुविधा प्रदान करने पर भी विचार करने को कहा था। राज्य की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के मनोरंजन और खेल गतिविधियां के लिए आवश्यक धन उपलब्ध करवाने पर के आदेश दिए थे।
Next Story