हिमाचल प्रदेश

हाई कोर्ट ने सरकार से सुविधाओं पर मांगी जानकारी, किशनपुरा जेल में स्टाफ व पानी व्यवस्था का दें ब्यौरा

Gulabi Jagat
18 Jun 2023 11:07 AM GMT
हाई कोर्ट ने सरकार से सुविधाओं पर मांगी जानकारी, किशनपुरा जेल में स्टाफ व पानी व्यवस्था का दें ब्यौरा
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शिमला: प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से नालागढ़ की किशनपुरा जेल में उचित स्टाफ, पानी की व्यवस्था और सीमा दीवार बनाने बाबत जानकारी मांगी है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने जेलों की दुर्दशा से जुड़े मामले में ये आदेश पारित किए। मामले पर आगामी सुनवाई 26 जुलाई को होगी। देश भर में 1382 जेलों की दुर्दशा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के तहत प्रदेश हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान पाया था कि देश भर में 1382 ऐसी जेलें हैं, जिनकी हालत बिलकुल खऱाब है। इन जेलों को रहने लायक नहीं माना गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भारतवर्ष के सभी मुख्य न्यायाधीशों को निर्देश दिए थे कि वे इस बारे में संज्ञान ले और सुप्रीम कोर्ट को अवगत करवाएं। नालागढ़ स्थित किशनपुरा में नवनिर्मित जेल की सीवरेज व्यवस्था, उचित स्टाफ और अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए अदालत ने समय-समय पर आदेश पारित किए थे।
सेंट्रल जेल कंडा में एक महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती करने के आदेश पारित किए थे, ताकि महिला कैदियों की हर सप्ताह चिकित्सा हो सके। कैदियों की ओर से निर्मित उत्पाद की बिक्री पर टैक्स में छूट देने के लिए राज्य सरकार को विचार करने के आदेश दिए गए थे। खंडपीठ ने न्यायालय परिसर व जिलाधीश कार्यालय में कैदियों की ओर से निर्मित वस्तुओं की बिक्री के लिए आउटलेट प्रदान किए जाने के भी आदेश दिए थे। मॉडल जेल कंडा में वेंडिंग मशीन के माध्यम से सेनेटरी नैपकिन की सुविधा प्रदान करने पर भी विचार करने को कहा गया था।
प्रोजेक्ट पूरा न होने पर हाई कोर्ट सख्त
शिमला। प्रदेश हाई कोर्ट ने ठेकेदारों की लापरवाही के कारण परियोजनाओं के समय पर पूरा न होने पर कड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट ने ऐसे ठेकदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के प्रावधान बनाने के आदेश दिए देते हुए मुख्य सचिव से स्टेट्स रिपोर्ट तलब की है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्व महाधिवक्ता श्रवण डोगरा को इस जनहित मामले की पैरवी के लिए कोर्ट मित्र नियुक्त करने के आदेश जारी किए। उल्लेखनीय है कि न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने मुख्य सचिव को आदेश दिए थे कि वह निजी तौर पर इस मामले को देखें, ताकि ठेकेदारों की वजह से कोई भी प्रोजेक्ट बेवजह न अटके। मामले पर सुनवाई 11 जुलाई को निर्धारित की गई है।
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