- Home
- /
- राज्य
- /
- हिमाचल प्रदेश
- /
- हाईकोर्ट ने डाॅक्टरों...
हिमाचल प्रदेश
हाईकोर्ट ने डाॅक्टरों के 300 पद भरने के विरोध में दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
Renuka Sahu
14 Sep 2022 5:30 AM GMT
x
न्यूज़ क्रेडिट : punjabkesari.in
प्रदेश हाईकोर्ट ने लिखित परीक्षा के माध्यम से डाॅक्टरों के 300 पद भरने के विरोध में दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश हाईकोर्ट ने लिखित परीक्षा के माध्यम से डाॅक्टरों के 300 पद भरने के विरोध में दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने इस मामले में स्पष्ट किया था कि बिना अदालत की अनुमति से परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि इस मामले में प्रदेश हाईकोर्ट से याचिकाकर्ता डाॅक्टरों को कोई फौरी राहत नहीं मिली थी। हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को भर्ती परीक्षा में बैठने की अनुमति देते हुए परीक्षा परिणाम कोर्ट के आगामी आदेशानुसार ही घोषित करने के आदेश पारित किए थे। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने डाॅक्टरों के 300 पदों की भर्ती लिखित परीक्षा के माध्यम से करवाने का निर्णय लिया था।
याचिकाकर्ता डाॅ. शौर्या चौधरी और अन्य की ओर से दायर याचिका में दलील दी गई है कि राज्य सरकार वर्ष 2012 से 2022 तक इन पदों को वाक इन इंटरव्यू से ही भरती आ रही है परंतु राज्य मंत्रिमंडल ने 200 पद वाक इन इंटरव्यू से और 300 पद लिखित भर्ती परीक्षा करवाकर भरे जाने का निर्णय लिया है। 21 दिसम्बर 2020 को राज्य सरकार ने चिकित्सकों के 251 पद वाक इन इंटरव्यू से ही भरे थे। इसके अलावा 1 फरवरी 2022 को भी चिकित्सकों के 43 पद भरे गए थे। 14 जुलाई, 2022 को राज्य सरकार ने चिकित्सकों के 200 पद वाक इन इंटरव्यू से भरे जाने को स्वीकृति दी थी। आरोप लगाया गया है कि 3 अगस्त, 2022 को राज्य सरकार ने अपने ही फैसले को पलटते हुए 300 पदों को लिखित परीक्षा के माध्यम से भरे जाने का निर्णय लिया है।
सरकार का इस तरह का निर्णय नियमों के विपरीत ही नहीं बल्कि नौकरी की राह देख रहे प्रशिक्षु चिकित्सकों के साथ भी खिलवाड़ है। राज्य सरकार ने दलील दी कि नियमों के अनुसार परीक्षा के माध्यम से इन पदों को भरने का जिम्मा अटल चिकित्सा अनुसंधान विश्वविद्यालय को दिया गया है। विश्वविद्यालय ने प्रदेश में 300 चिकित्सकों की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। चिकित्सकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा 4 सितम्बर को निर्धारित की थी। प्रशिक्षु चिकित्सकों ने अदालत से गुहार लगाई है कि इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द किया जाए और सरकार को आदेश दिए जाएं कि इन पदों को नियमों के अनुसार वाक इन इंटरव्यू से ही भरा जाए।
Next Story