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उच्च न्यायालय ने दिया आदेश: प्राकृतिक जलस्रोतों को अपने आधीन ले सरकार
हिमाचल न्यूज़: परवाणू में कई प्राकृतिक जलस्रोत हैं, जिनको यदि सरकार अपने अधिकार में ले, तो परवाणू शहर और टकसाल पंचायत में पानी की कमी को लेकर आ रही समस्या का तुरंत समाधान हो जाएगा। प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकार व जनता के हित में फैसला सुनाते हुए आदेश दिए कि जितने भी प्राकृतिक जलस्रोत हैं, वे चाहे किसी की निजी भूमि पर हों, वह सरकार के अधीन होंगे और उनका इस्तेमाल जनता के हित में होगा। बता दें कि शिमला उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें प्राकृतिक जलस्रोतों का इस्तेमाल गलत ढंग से व उनका व्यापारीकरण हो रहा था और प्राकृतिक जलस्रोत होने के बावजूद जनता को पानी की समस्याओं से जूझना पड़ रहा था, जिस पर प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश त्रिलोक चौहान और न्यायाधीश सीबी बरोवालिया की खंडपीठ ने ये आदेश जारी किए और कहा कि प्राकृतिक जलस्रोतों को सरकार व प्रशासन अपने अधिकार में लें और पानी का इस्तेमाल जनता के हित में करें।
बता दें कि टकसाल पंचायत में पानी की समस्या बहुत बढ़ गई और पानी 15 दिनों में एक बार मिलने लगा, जिसको लेकर टकसाल पंचायत व जलशक्ति विभाग को पानी की समस्या को लेकर हिमुडा के आगे हाथ फैलाने पर मजबूर होना पड़ा। वहीं कसौली एसडीएम धनवीर ठाकुर व जलशक्ति विभाग के एसडीओ भानु उदय ने बताया कि उच्च न्यायालय का फैसला आया है, परंतु फैसले की कोई सरकारी लिगल कॉपी या नोटिफिकेशन अभी हमारे पास नहीं आई है। इस प्रकार के आदेशों की लीगल कॉपी या नोटिफिकेशन हमें मिलेगी, उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। (एचडीएम)
परवाणू में निजी रूप से इस्तेमाल, बेच रहे पानी: परवाणू में भी ऐसे कुछ प्राकृतिक जलस्रोत हैं, जो लोगों द्वारा निजी रूप से इस्तेमाल किए जा रहे हैं और कुछ के द्वारा तो उन जलस्रोतों का व्यापारीकरण कर पानी को बेचा जा रहा है। बीते दिनों प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे जन मंच कार्यक्रम में टकसाल पंचायत के कुछ स्थानीय निवासियों द्वारा प्राकृतिक जलस्रोतों के पानी को जनहित में न देकर उसका व्यापारीकरण किया जाने वाला मुद्दा उठाया था, जिसको लेकर जनमंच में बड़ा बवाल मचा था।