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शिमला। मंडी जिले के धर्मपुर के मंडप में बादल फटने से भारी नुक्सान हुआ है। बादल फटने से एक पोकलेन मशीन गयूण खड्ड में बह गई। वहीं पुल के पिल्लर में लगी करीब 200 लोहे की प्लेटें मलबे में दब गईं। गयूण-द्रमण सड़क पर पुल का कार्य चल रहा था। घटना में कोई जानी नुक्सान नहीं हुआ है। प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंच कर नुक्सान का जायजा लिया है। वहीं चंडीगढ़-मनाली नैशनल हाईवे बनाला के पास भूस्खलन होने से बंद हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है और लोगों को आगामी 4 दिन भारी बारिश व ओलावृष्टि सहित आंधी-तूफान का सामना करना पड़ेगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 12 जून से लेकर 15 जून तक यैलो अलर्ट रहेगा और इस दौरान मैदानी/निचले पर्वतीय क्षेत्रों व मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में 12 से 14 जून तक कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम, उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा व हिमपात जबकि 15 जून को मैदानी/निचले और मध्य क्षेत्रों में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा जबकि उच्च पर्वतीय क्षेत्र में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा/हिमपात होने की संभावना है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार प्रदेश में अभी भी 7 सड़कें और 5 बिजली के ट्रांसफार्मर बंद पड़े हुए हैं। रविवार को राजधानी शिमला सहित अनेक इलाकों में आसमान पर बादल छाए रहे। इस दौरान रिज पर पर्यटकों ने घूमने का लुत्फ उठाया। शनिवार रात्रि को कई जगहों पर बारिश होने से अधिकतम तापमान में सामान्य से -3.8 डिग्री सैल्सियस की कमी रिकाॅर्ड की गई है। ऐसे में रविवार को धौलाकुआं में प्रदेश का अधिकतम तापमान 37.6 डिग्री सैल्सियस रिकाॅर्ड किया गया है।
केलांग में न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री आंका गया। रविवार को सेऊबाग और डल्हौजी में 1.0 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि पिछले 24 घंटों में जोगिंद्रनगर में 27, बैजनाथ में 24, भराड़ी में 22, मंडी में 16, बलद्वाड़ा में 15, पालमपुर में 12, भरमौर व डल्हौजी में 9, सरकाघाट में 8, देहरागोपीपुर में 7 और कुफरी में 5 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है। राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के अनुसार पहली मार्च से लेकर 11 जून (103 दिन) तक के प्री-मानसून के सीजन में अभी तक कृषि-बागवानी को भारी बारिश, आंधी-तूफान व ओलावृष्टि से 146.09 करोड़ की चपत लग चुकी है, जिसमें बागवानी विभाग को 91.17 करोड़ और कृषि विभाग को 54.92 करोड़ का नुक्सान हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार किन्नौर, कुल्लू व लाहौल-स्पीति में कृषि, जबकि लाहौल-स्पीति में बागवानी क्षेत्र में नुक्सान नहीं हुआ है। अन्य जिलों में कृषि व बागवानी क्षेत्र में यह नुक्सान आंका गया है। इसमें सर्वाधिक नुक्सान जिला शिमला में कृषि व बागवानी क्षेत्र दोनों में हुआ है। कृषि क्षेत्र में 23.30, जबकि बागवानी क्षेत्र में 59.02 करोड़ रुपए की क्षति हुई है। हिमाचल में एक दर्जन शहरों का अधिकतम तापमान 30 डिग्री से नीचे चल रहा है। इसमें राजधानी शिमला में अधिकतम तापमान 25.4 डिग्री रहा, जिसमें -2.0 डिग्री सैल्सियस की कमी आई है। भुंतर में 29.6, कल्पा में 21.6, धर्मशाला में 26.5, केलांग में 16.6, मनाली में 23.3, कांगड़ा में 29.9, चम्बा में 28.0, डल्हौजी में 21.7, जुब्बड़हट्टी में 29.4, कुफरी में 19.2, कुकुमसेरी में 17.2, नारकंडा में 18.5, रिकांगपिओ में 28.7, सेओबाग में 25.3 और मशोबरा में 22.9 डिग्री सैल्सियस अधिकतम तापमान चला हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरिंद्र पाल ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के मध्य क्षोभमंडलीय स्तरों में से एक गर्त के रूप में मोटे तौर पर देखा जा रहा है, जिससे राज्य में आगामी 4 दिन यैलो अलर्ट रहेगा। इस दौरान यातायात व बिजली आपूर्ति में बाधा और लो विजिबिलिटी की समस्या रहेगी। वहीं खड़ी फसलों, फलों के पौधों व नई पौध को बारिश नुक्सान पहुंचा सकती है। विभागों द्वारा जारी निर्देशों का लोग अनुसरण करें।
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Shantanu Roy
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