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हिमाचल प्रदेश
मुख्य सचिव सहित राजस्व सचिव, राजस्व आयुक्त व डीसी सोलन को HC का नोटिस
Shantanu Roy
2 Nov 2022 9:16 AM GMT
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बड़ी खबर
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने बद्दी में करोड़ों रुपए के राजस्व घोटाले की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका में मुख्य सचिव सहित राजस्व सचिव, राजस्व आयुक्त व डीसी सोलन को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अर्की निवासी परमिंदर ठाकुर की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात प्रतिवादियों से 4 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया। याचिकाकर्ता के अनुसार तत्कालीन तहसीलदार बद्दी विकास शुक्ला ने 21 जनवरी, 2010 से 14 अगस्त, 2013 के बीच भूमि से जुड़े 300 मौखिक तबादलों के इंतकाल संबंधित निर्देशों का पालन किए बगैर कर दिए। उस समय भूमि के तबादलों पर स्टैंप ड्यूटी की दर उच्चतम कीमत की 3 फीसदी और पंजीकरण फीस 2 फीसदी अथवा न्यूनतम 25 हजार रुपए थी। इन मौखिक तबादलों में असमान कीमत की जमीनों के तबादले बिना पंजीकरण के ही कर दिए गए जबकि तबादलों का पंजीकरण कानूनन जरूरी था। इतना ही नहीं, जमीनों के तबादले पटवार सर्कल, कानूनगो सर्कल और तहसील हदबंदी से बाहर के भी कर दिए गए थे।
कानून के अनुसार तत्कालीन तहसीलदार को रजिस्ट्रेशन फीस और स्टैंप ड्यूटी इन तबादलों के लिए वसूलनी चाहिए थी। इससे सरकार के खजाने को लगभग 16 करोड़ रुपए तक का राजस्व नुक्सान हुआ। प्रार्थी के अनुसार इसके पश्चात तत्कालीन तहसीलदार के खिलाफ ड्राफ्ट चार्जशीट भी जारी की गई थी। इस दौरान तत्कालीन एसडीएम नालागढ़ की रिपोर्ट के अनुसार उक्त तहसीलदार द्वारा किए गए 11 तबादलों से सरकार को केवल 9 हजार रुपए का नुक्सान पहुंचा। इस रिपोर्ट को आधार बनाकर तत्कालीन डीसी सोलन केसी चमन ने प्रधान सचिव राजस्व को एक रिपोर्ट सौंपी और उक्त तहसीलदार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के आदेशों का पुनरावलोकन करने का आग्रह किया। प्रार्थी के अनुसार राजस्व विभाग के उच्चाधिकारी मामले की गंभीरता को समझने में असफल रहे हैं जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों का नुक्सान पहुंचा है। प्रार्थी ने तत्कालीन तहसीलदार बद्दी विकास शुक्ला व तत्कालीन डीसी सोलन केसी चमन को निजी प्रतिवादी बनाते हुए इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। सरकार से मामले की विस्तृत जांच शुरू करने अथवा किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन कर सारे सरकारी खजाने को नुक्सान पहुंचाने के षड्यंत्र का पर्दाफाश करने की गुहार लगाई है। प्रार्थी ने सभी गैर-कानूनी तबादलों को रद्द करने की गुहार भी लगाई है।
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