हिमाचल प्रदेश

भाजपा के आधा दर्जन कार्यकर्ता चुनाव लडऩे को तैयार, लोकसभा चुनाव को कांगड़ा में गरमाने लगा पारा

Gulabi Jagat
24 Jun 2023 9:21 AM GMT
भाजपा के आधा दर्जन कार्यकर्ता चुनाव लडऩे को तैयार, लोकसभा चुनाव को कांगड़ा में गरमाने लगा पारा
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धर्मशाला: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांगड़ा संसदीय क्षेत्र का सियासी पारा धीरे-धीरे चढऩे लगा है। विपक्षी दल भाजपा के मौजूदा सांसद किशन कपूर सहित करीब आधा दर्जन कार्यकर्ता चुनाव लडऩे को जोड़-तोड़ करने शुरू हो गए हैं। जबकि कांग्रेस को इस बार लोकसभा चुनावों में उतारने के लिए नया चेहरा देखना पड़ेगा। पिछली बार कांग्रेस टिकट से लोकसभा चुनाव लडऩे वाले पवन काजल इस बार भाजपा से कांगड़ा सदर के विधायक हैं। ऐसे में कांगड़ा संसदीय क्षेत्र पर इस बार लोकसभा का चुनाव रोचक होने वाला है। यही वजह है कि भाजपा व कांग्रेस के कार्यकर्ता व पदाधिकारी चुनाव के लिए अपनी-अपनी दावेदारी पेश करने में जुट गए हैं। केंद्र की सत्ता में और प्रदेश में विपक्ष की पार्टी भाजपा के मौजूदा सांसद किशन कपूर ने पिछले लोकसभा चुनावों में जीत का रिकार्ड बनाया था। मत प्रतिशतता में देशभर में सबसे आगे रहने वालों में कपूर दूसरे नंबर पर थे। बावजूद इसके बीजेपी में करीब आधा दर्जन से अधिक पार्टी के पदाधिकारी चुनाव में उतरने को जोर लगा रहे हैं। पिछले दिनों पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने शक्ति प्रदर्शन करने से लेकर वरिष्ठ नेताओं के सामने हाजिरी भरने का काम शुरू हो गया है। कुछ ने तो अपने स्तर पर संपर्क अभियान भी छेड़ दिए हैं।
इतना ही नहीं कोई जातीय आधार पर तो कोई क्षेत्रीय आधार पर ताल ठोंकते हुए एक दूसरे को नीचा दिखाने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं के कांगड़ा व चंबा में लगातार बढ़ रहे संपर्क से संसदीय क्षेत्र का सियासी पारा चढऩे लगा है। पार्टी हाइकमान ने भी अपने स्तर पर सर्वे करवाने शुरू कर दिए हैं। उधर प्रदेश की सत्ता में काबिज कांग्रेस पार्टी के समक्ष इस बार दोहरी चुनौती है। पहले तो सता में होते हुए कांग्रेस को एक साल के बाद ही लोकसभा चुनावों का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में लोस चुनावों के परिणाम को पार्टी की परफारमेंस से भी जोड़ कर देखा जाएगा। दूसरे पार्टी को कांगड़ा में नये चेहरे की तलाश करनी होगी। कांग्रेस में भी कई ऐसे पार्टी के पदाधिकारी हैं जो चुनाव लडऩे के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इस सियासी लड़ाई में कौन बाजी मारता है। (एचडीएम)
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