हिमाचल प्रदेश

जिला जज की कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में 2 बजे होगी सुनवाई

Gulabi Jagat
23 May 2022 7:23 AM GMT
जिला जज की कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में 2 बजे होगी सुनवाई
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ज्ञानवापी मस्जिद मामला
वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में मां शृंगार गौरी के दैनिक पूजा-अर्चना की इजाजत देने और अन्य देवी-देवताओं को संरक्षित करने को लेकर दायर मामले की सुनवाई आज होगी. आज जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत में सुनवाई होनी है. जिला जज की अदालत में नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के आदेश 7 नियम 11 के तहत वाद की पोषणीयता पर पहले सुनवाई होगी.
जानकारी देते वादी पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदीज्ञानवापी मामले में सोमवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई होगी. जिला जज की अदालत में सुनवाई का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है . इस मामले में अदालत को आठ सप्ताह में सुनवाई करने का निर्देश दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सबकी नज़र जिला जज की अदालत में होने वाली सुनवाई पर है.आज होगी तीन मामलों की सुनवाई
आज कोर्ट में तीन मामले में कुल सुनवाई होगी पहला वकील कमिश्नर विशाल सिंह अजय प्रताप सिंह समेत अजय मिश्रा की रिपोर्ट दाखिल होने के बाद कोर्ट पहली बार इस प्रकरण पर सुनवाई शुरू करेगा. इसके अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय की तरफ से तीन बिंदुओं पर पहले ही दाखिल की गई याचिका पर भी सुनवाई होगी. इसमें वजू खाने को हटाने शौचालय बंद कर के नए जगह पर शौचालय बनाने ताकि नमाजियों को दिक्कत न हो.
सील किए गए वजू खाने में मौजूद जलीय जीवों के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए उनके इंतजाम पर भी सुनवाई होगी. इसके अलावा वादी पक्ष की तरफ से दाखिल की गई याचिका जिसमें मस्जिद के नीचे तहखाने में मौजूद दीवार हटाकर और मलबा हटाकर जांच करने की मांग को भी कोर्ट आज संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू करेगा. इसके अलावा मुस्लिम पक्ष की तरफ से भी इस पर आपत्ति दर्ज की गई है. जिसके बाद कोर्ट इसे लेकर भी आगे बढ़ेगा.
अगस्त 2021 में राखी सिंह समेत चार अन्य महिलाओं ने वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में मौजूद श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन की मांग करते हुए याचिका डाली थी. जिस पर कोर्ट ने अप्रैल 2022 में कमीशन की कार्रवाई का आदेश देते हुए अजय मिश्रा को वकील कमिश्नर के तौर पर नियुक्त कर पूरे परिसर की वीडियोग्राफी का आदेश दिया था.
हालांकि बाद में विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह दो अन्य वकील कमिश्नर विशेष तौर पर नियुक्त किए गए थे और 14 से 16 मई तक कमीशन की कार्यवाही करने के बाद इसकी रिपोर्ट भी कोर्ट में सबमिट की जा चुकी है. दोनों रिपोर्ट सबमिट होने के बाद मामले की सुनवाई शुरू होती है उसके पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने पूरा प्रकरण जिला जज न्यायालय में ट्रांसफर करने का आदेश देते हुए 8 सप्ताह में इस सुनवाई को पूरा करने का आदेश दिया है.जिला जज न्यायालय में होगी सुनवाई
आज पहला दिन होगा जब जिला जज न्यायालय में इस मामले की सुनवाई होगी. इस बारे में हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी का कहना है कि हमारा वाद बेहद मजबूत है और हमने तहखाने के अंदर मिली दीवार को हटाकर उस स्थान पर पुनः कमीशन की कार्यवाही की मांग की है. इसके अलावा आज वजू खाने में मिले शिवलिंग की पूजा पाठ के लिए भी वादी पक्ष के द्वारा एक वाद दाखिल किया जा सकता है.
वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव का कहना है कि यह मुकदमा खारिज होने योग्य है, क्योंकि सीधे-सीधे वरशिप एक्ट के उल्लंघन के तहत कोर्ट 7 नियम 11 के तहत पोषणीयता के प्रश्न पर पहले सुनवाई शुरू करेगा, क्योंकि वरशिप एक्ट हमारे लिए एक ढाल की तरह काम कर रहा है और कोई भी कानून किसी मामले में महत्वपूर्ण होता है पुराने कानून के आधार पर ही यह मुकदमा खारिज होने योग्य ही माना जाएगा.
ज्ञानवापी परिसर में मां शृंगार गौरी के दैनिक पूजा-अर्चना की इजाजत देने और अन्य देवी-देवताओं को संरक्षित करने को लेकर दायर वाद की सोमवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत में सुनवाई होगी. जिला जज की अदालत में नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के आदेश 7 नियम 11 के तहत वाद की पोषणीयता पर पहले सुनवाई होगी.
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