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रशिया का दूल्हा-यूक्रेन की दुल्हन, धर्मशाला में हिंदू रीति-रिवाज में लिए सात फेरे

धर्मशाला। रशिया और यूक्रेन में भले ही युद्ध चला हो पर हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में दोनों देशों के युवाओं ने एक अलग ही मिसाल पेश कर दुनिया को संदेश दिया है। भारत के सनातन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बताते हुए दोनों युवा प्रेमियों ने धर्मशाला की सुंदर वादियों में पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ एक-दूसरे को अपना जीवनसाथी चुनते हुए सात जन्मों की कसमें खाईं। बता दें कि मूल रूप से रशिया का रहने वाला लड़का इसराईली राष्ट्रीयता दूल्हा बनकर बारात लेकर आया जबकि यूक्रेन की युवती ने दुल्हन बनकर मंगलवार को देवभूमि हिमाचल में लग्न, वेद व मंत्रोच्चारण संग सात फेरे लिए, ऐसे में एक बार फिर से सनातन भारतीय परंपरा का विश्व शांति में अहम योगदान देखने को मिला।
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के खनियारा के नारायण मंदिर दिव्य आश्रम खड़ौता में प्यार परवान चढ़ा है। दिव्य आश्रम खड़ौता व क्षेत्र के प्रसिद्ध पंडित संदीप शर्मा के सान्निध्य में विवाह हुआ, जबकि विनोद शर्मा व उनके परिवार ने कन्यादान कर सभी वैवाहिक कार्यक्रमों को पूर्ण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मूल रूप से रशिया निवासी, जिन्होंने अब इसराईल की राष्ट्रीयता ग्रहण कर ली है, सिरगी नोविका व यूक्रेन की रहने वाली एलोना ब्रामोका की भारतीय हिंदू रीति-रिवाजों व परंपराओं के साथ शादी हुई। उन्होंने भारतीय संस्कृति की वेशभूषा में ही दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे लिए और सभी रस्में निभाईं। बैंड-बाजा बारात के लिए लग्न वेद सजाई गई, जिसमें पंडित रमन शर्मा ने मंत्रोच्चारण के साथ विवाह की सभी रस्में व रीति-रिवाज करवाए। समारोह में शामिल होने वाले लोगों के लिए कांगड़ी धाम का भी आयोजन किया गया।
