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शिमला न्यूज़: नगर निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए ग्रीन फीस लगाने को तैयार है। इसके लिए नगर निगम ने सोमवार को दस सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. जिसमें पार्षदों समेत निगम अधिकारियों को सदस्य बनाया गया है, जिसमें ज्वाइंट कमिश्नर को चेयरमैन बनाया गया है. वहीं, सदस्यों में पार्षद रामरत्न वर्मा, गोपाल शर्मा, अनिता शर्मा, विशाखा मोदी, वीरेंद्र ठाकुर, लीगल लॉ ऑफिसर, ईई एनएचएआई, ईई आरएंडबी, अधीक्षक को सदस्य सचिव बनाया गया है। इसकी अध्यक्षता नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान और डिप्टी मेयर उमा कौशल करेंगी. नगर निगम ग्रीन फीस का प्रस्ताव मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजेगा। अगर राज्य सरकार से हरी झंडी मिल गयी तो नगर निगम को हर साल करीब 12 करोड़ रुपये की आय होगी. पहाड़ों की रानी शिमला घूमने आने वाले पर्यटकों को अब मनाली की तर्ज पर ग्रीन फीस चुकानी होगी। इसकी तैयारी शुरू हो गई है. अगस्त के बाद ग्रीन फीस की वसूली शुरू हो सकती है। प्रदेश सरकार के निर्देशों के बाद नगर निगम शिमला ने आय बढ़ाने के लिए कई प्रस्ताव तैयार किए हैं। इनमें से एक प्रस्ताव ग्रीन फीस के लिए तैयार किया गया है.
बस, ट्रक के लिए 300 रुपये, कार के लिए 200 रुपये और दोपहिया वाहन के लिए 50 रुपये ग्रीन फीस लेने की तैयारी है. हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और शहरी विधायक हरीश जनारथा के साथ नगर निगम अधिकारियों की बैठक में ग्रीन फीस पर चर्चा हुई है. अब नगर निगम जल्द ही ग्रीन फीस का प्रस्ताव मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजेगा। अगर राज्य सरकार से हरी झंडी मिल गयी तो नगर निगम को हर साल करीब 12 करोड़ रुपये की आय होगी. शासन को प्रस्ताव भेजने से पहले नगर निगम शुल्क वसूली के लिए पुख्ता इंतजाम करने पर मंथन कर रहा है। वर्ष 2014 में शिमला शहर में भी ग्रीन फीस लेने की व्यवस्था शुरू की गई थी। फीस वसूली के लिए तारादेवी के पास बैरियर लगाया गया था। हालांकि, यहां जाम और बैरियर को लेकर विवाद के कारण कुछ महीनों बाद ही फीस बंद करनी पड़ी।
ग्रीन फीस को लेकर हमने दस सदस्यीय कमेटी बनाई है। जल्द ही कमेटी के साथ बैठक कर इस संबंध में काम शुरू किया जायेगा.
सुरेंद्र चौहान, मेयर नगर निगम शिमला