हिमाचल प्रदेश

अवैध दारू का ‘नशा’ उतारेगी सरकार, शराब की तस्करी रोकने को ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी तैयार, अंतिम अभ्यास शुरू

Gulabi Jagat
7 March 2023 1:51 PM GMT
अवैध दारू का ‘नशा’ उतारेगी सरकार, शराब की तस्करी रोकने को ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी तैयार, अंतिम अभ्यास शुरू
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शिमला: शराब की शुद्धता बताने वाली ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी तैयार है। विदेशों से आयात हुई मशीनों पर विभाग के अधिकारी अंतिम दौर का अभ्यास कर रहे हैं। जिन जिलों में शराब का उत्पादन हो रहा है, उनमें हार्डवेयर स्थापित कर दिए हैं, जबकि आबकारी एवं कराधान विभाग के सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप से जोडक़र इनका परीक्षण किया जा रहा है। बीते फरवरी महीने से शराब उत्पादन के लाइसेंस धारक कारोबारी अभ्यास में जुटे हैं। प्रदेश भर में 17 बॉटलिंग प्लांट संचालक हैं। इन्हें शिमला, मंडी और पालमपुर जोन में प्रशिक्षण दिया है। प्रशिक्षण का यह क्रम जिलास्तर पर सोलन, सिरमौर और ऊना में आयोजित हो चुका है। इस पॉलिसी के तहत लाइसेंस धारकों को सभी बोतल पर होलमार्क स्थापित करना होगा। आबकारी एवं कराधान विभाग के सॉफ्टवेयर और ऐप की मदद से होलमार्क को स्कैन किया जा सकेगा।
विभाग ने ऐप पहले ही तैयार कर ली है। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में सबसे ज्यादा समय मशीनों की खरीद और उन्हें स्थापित करने में लगा है। ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी स्थापित करने को विश्व बैंक से भी मदद मिल रही है। विश्व बैंक की मदद से लोक वित्त प्रबंधन क्षमता (एचपीपीएफएम-सीबी) की परियोजना के तहत कई प्रक्रियाओं का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है। पॉलिसी के अमल में आने के बाद प्रदेश भर से अवैध शराब का धंधा चौपट हो जाएगा। बाजार में वो ही शराब बिक्री के लिए पहुंच पाएगी, जो सौ फीसदी शुद्ध होगी। गौरतलब है कि मंडी में जहरीली शराब पीने के बाद सात लोगों की मौके ही मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य ने करीब चार महीने बाद दम तोड़ा था। मामला उजागर होने के बाद आबकारी एवं कराधान विभाग ने जहरीली शराब और शराब के अवैध कारोबार को जड़ से खत्म करने पर 2022 की शुरूआत में ही पॉलिसी पर कागजी काम शुरू कर दिया था।
हार्डवेयर स्थापित, ऐप सॉफ्टवेयर पर काम
आबकारी एवं कराधान विभाग के राज्य आयुक्त युनुस ने बताया कि ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी का काम अंतिम दौर में चल रहा है। जोन और जिलास्तर पर अभ्यास कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर मिलान को कार्यशाला लगाई
जा रही है। प्रदेश भर के अधिकारियों को भी इस पॉलिसी के सही ढंग से लागू करने को लेकर जानकारी दी जा रही है। जल्द ही पॉलिसी लांच हो जाएगी।
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