हिमाचल प्रदेश

अंशकालीन कर्मियों को नियमित करने की समय सीमा नहीं घटाएगी सरकार

Shantanu Roy
11 Aug 2022 6:25 AM GMT
अंशकालीन कर्मियों को नियमित करने की समय सीमा नहीं घटाएगी सरकार
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में सरकार अंशकालीन कमियों (पार्ट टाइम वर्कर) को नियमित करने की समय अवधि को नहीं घटाएगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधायक सतपाल सिंह रायजादा के सवाल के जवाब में कहा कि सरकार द्वारा 28 दिसम्बर, 2021 को जारी आदेशों के अनुसार पार्ट टाइम कर्मियों को दैनिक वेतन भोगी के रूप में परिवर्तित करने की तय समय को 8 साल से घटाकर 7 साल किया गया है। 7 साल का सेवाकाल पूर्ण होने के बाद उन्हें पहले दैनिक वेतन भोगी में परिवर्तित किया जाता है तथा उसके बाद वह नियमित होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्ट टाइम वर्कर्स के रैगुलर करने की समय सीमा को घटाने पर सरकार कोई विचार नहीं रखती है।
करुणामूलक आधार पर नौकरी के 3456 मामले लंबित
प्रदेश में 31 जनवरी, 2022 तक करुणामूलक आधार पर तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के नौकरी के 3456 मामले लंबित है। इसमें तृतीय श्रेणी के 2069 तथा चतुर्थ श्रेणी के 1387 मामले लंबित हैं। यह जानकारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा में विधायक विनय कुमार, राकेश सिंघा, पवन काजल तथा संजय अवस्थी के संयुक्त सवाल के लिखित जवाब में दी। सतपाल रायजादा के एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि एचपीटीडीसी ने अपने 8 होटलों, रेस्तरां आदि को चलाने के लिए आऊटसोर्स या लीज पर दिया है।
जेपी विश्वविद्यालय ने नहीं दिया 80 फीसदी हिमाचलियों को रोजगार
हिमाचल प्रदेश में जेपी विश्वविद्यालय ने 80 फीसदी बोनाफाइड हिमाचलियों को रोजगार नहीं दिया है विधायक कर्नल धनीराम शांडिल के सवाल के लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में कुल 17 निजी विश्वविद्यालयों में से 15 विश्वविद्यालयों पर तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 80 फीसदी पद हिमाचलियों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं।
करंट लगने से 26 कर्मियों की मौत
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने विधायक रोहित ठाकुर के सवाल के जवाब में बताया कि गत 3 सालों में बिजली विभाग में सेवा के दौरान करंट लगने से 26 कर्मचारियों की मौत हुई है। विभाग में 11 करुणामूलक नौकरी के मामले लंबित हैं।
एनएचएम के 1 कर्मचारी की सेवाएं कीं समाप्त
विधायक राकेश सिंघा के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाॅ. राजीव सहजल ने बताया कि राज्य में एनएचएम के तहत विभिन्न श्रेणी के 1261 कर्मचारी नियुक्त किए गए, जिसमें से 10 सेवानिवृत्त हो गए, 1 की सेवाओं को समाप्त किया गया है क्योंकि उसने पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में हिस्सा लिया था। 132 कर्मचारियों ने स्वयं त्यागपत्र दिया।
कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री से की मुलाकात
एनएचएम के कर्मचारियों ने विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की और उनसे रैगुलर पॉलिसी जल्द लागू करने की मांग की। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि उनके मामले पर 11 अगस्त को विधानसभा में विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। इसमें एसोसिएशन के पदाधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा।
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