हिमाचल प्रदेश

हिमाचल में भांग की खेती को वैध करने पर विचार करेगी सरकार

Shantanu Roy
7 April 2023 9:13 AM GMT
हिमाचल में भांग की खेती को वैध करने पर विचार करेगी सरकार
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शिमला। हिमाचल में भांग की खेती को वैध करने की दिशा में सरकार विचार करेगी। वीरवार को विधायक पूर्ण चंद ठाकुर द्वारा नियम-101 के तहत सदन में लाए गए संकल्प पर हुई चर्चा के जवाब में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति से विधायकों की कमेटी गठित करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भांग के पौधे से उत्पन्न रेजिन और फूलों पर प्रतिबंध है लेकिन पत्तियों और बीज पर आने वाले समय में राज्य सरकार नियम बना सकती है। उन्होंने कहा कि अभी तो भांग की पत्तियों और बीज के बारे में सोचा जा सकता है, यानी किया नहीं जा सकता सिर्फ सोचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1989 में जो नियम बने थे, उनमें भांग की खेती की अनुमति दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भांग के औषधीय लाभ भी हैं, जिनके बारे में मुझे आज ही पता लगा है।
इससे कैंसर, ब्लड शूगर, पुराने दर्द से राहत, डिप्रैशन ऑटोइज्म का उपचार व अल्जाइमर रोग को धीमा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में कैसे आगे बढ़ना है, उसके लिए विधानसभा की एक कमेटी बने और उसमें उन सदस्यों को लिया जाए, जिनके यहां भांग ज्यादा मात्रा में होती है। वह कमेटी एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सबमिट करवा दे ताकि उसका अध्ययन करवा लें और इस दिशा में आगे बढ़ा जा सके। एनडीपीएस एक्ट की धारा 19 के अनुसार राज्यों को भांग के पौधों की खेती, उत्पादन, परिवहन व क्रय-विक्रय इत्यादि के लिए नियम बनाने का अधिकार दिया गया है। इससे पहले संकल्प पेश करते हुए विधायक पूर्ण चंद ठाकुर ने कहा कि यदि सरकार भांग की खेती को कानूनी दर्जा देती है तो इससे ग्रामीण इलाकों में आॢथकी का सुधार होगा और राज्य सरकार की आय भी बढ़ेगी। संसदीय कार्य मंत्री सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि भांग के औद्योगिक और दवा उद्योग के लिए इस्तेमाल को मंजूरी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें भांग को चिट्टे से नहीं जोड़ना चाहिए। सीएम ने कहा कि हालांकि भांग की खेती राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में सहायक हो सकती है लेकिन इसके नियामक पहलू को मजबूत बनाना अति आवश्यक है, जिससे भांग के उपयोग से नशे की प्रवृति को बढ़ावा न मिले।
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