हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के जेओए आईटी पेपर लीक मामले में सरकार ने बड़ा फैसला

Teja
26 Dec 2022 12:16 PM GMT
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के जेओए आईटी पेपर लीक मामले में सरकार ने बड़ा फैसला
x
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के जेओए आईटी पेपर लीक मामले में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के कामकाज को निलंबित करने का फैसला किया है। जनहित में सभी चल रही और लंबित भर्ती प्रक्रियाओं को अगले आदेश तक रोक दिया गया है। आयोग में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी अब विशेष कार्य अधिकारी को रिपोर्ट करेंगे। सरकार ने एडीसी कम एडीएम हमीरपुर को आयोग का विशेष कार्य अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही सरकार ने आयोग के सचिव डॉ. जितेंद्र कुमार, उप सचिव संजीव कुमार को भी रिलीव कर दिया है। इन अधिकारियों को कार्मिक विभाग में रिपोर्ट करने को कहा गया है। इन अधिकारियों की तैनाती के आदेश बाद में जारी किए जाएंगे। मुख्य सचिव आरडी धीमान ने ये आदेश जारी किए हैं। डॉ. जितेंद्र कंवर बीते आठ साल से कर्मचारी चयन आयोग के सचिव थे।
वहीं पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी महिला उमा आजाद को निलंबित कर दिया गया है। आयोग के अध्यक्ष डॉ. संजय ठाकुर ने कहा कि जेओए आईटी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने वाले वरिष्ठ सहायक को निलंबित कर दिया है। निलंबन के बाद उसका मुख्यालय कहां तय होगा, यह विजिलेंस कार्रवाई की आगामी बैठक में तय होगा। बता दें विजिलेंस ने पैसे लेकर पेपर लीक करने के मामले में शुक्रवार को आयोग की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद, उसके छोटे बेटे निखिल आजाद, घर पर काम करने वाले नीरज, दो अभ्यर्थियों तनु शर्मा और अजय शर्मा के अलावा दलाल संजीव कुमार को गिरफ्तार किया था, जिन्हें शनिवार को हमीरपुर न्यायालय ने 28 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। अब इस मामले में जल्द ही अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
क्या है पूरा मामला
प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की 25 दिसंबर को होने वाली पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी भर्ती की लिखित परीक्षा से दो दिन पहले 23 दिसंबर को पेपर लीक हो गया था। पेपर लीक की मुख्य आरोपी महिला चयन आयोग की गोपनीय शाखा में वरिष्ठ सहायक के पद पर लंबे समय से कार्यरत है। एक अभ्यर्थी की शिकायत पर विजिलेंस ने महिला और उसके बेटे समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया। आयोग ने परीक्षा भी रद्द कर दी। आयोग ने मई 2022 में 198 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। अक्तूबर में 121 पद और जोड़े गए। 319 पदों के लिए 476 परीक्षा केंद्रों में 1,03,344 अभ्यर्थियों ने परीक्षा देनी थी। सरकार ने अब मामले की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन कर दिया है।





{जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरल हो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।}

Next Story