हिमाचल प्रदेश

तीन दिन मेले के बाद संपन्न हुआ गवाई ठोडा मेला

Admin Delhi 1
27 Jun 2022 8:19 AM GMT
तीन दिन मेले के बाद संपन्न हुआ गवाई ठोडा मेला
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स्टेट न्यूज़: हिमाचल और उत्तराखंड के बहुत से हिस्सो में शाठी और पाशी का ऐतिहासिक खेल आज भी बहुत ही चाव और हर्षउल्लास के साथ खेला जाता है। खेल के लिए विशेष स्थान निर्धारित है जिसे जुबड़ी कहा जाता है। इस खेल में दो दल आपस में जुबड़ी में तीर कमान से लड़ते है, और तीर से घुटने के निचले हिस्से में वार करते है। तीर लगने पर ये खुशी जाहिर करते हुए अपने प्रतिद्वंदी को ललकारते है। फिर प्रतिद्वंदी भी तीर मारता है और उसका तीर लगने पर उसकी आवाज से ललकार का जवाब देता है।

इस खेल के इतिहास पर अगर थोड़ी सी नजर डाली जाए तो ये खेल महाभारत के युद्ध के बाद शुरू हुआ। महाभारत में कौरवो का साथ देने वाले शाठी दल और पांडवो का साथ देने वाले पाशी दल के रूप में आज भी इस खेल को खेल रहे है। पूरे हिमाचल और उत्तराखंड की बात की जाए तो सबसे ज्यादा शाठी दल की टीमें है। इन्ही दलों की अगर बात की जाए तो शाठी दल बिशड़ी और पाशी दल को बतिउड़ा माना जाता है। ऐतिहासिक ठोडा जुबड़ी गवाई में शनिवार और रविवार को दो खुन्दो के बीच ठोडा का ऎतिहासिक खेल खेला गया। इस मेले में नृत्य दल चिखड़ ने भी अपना चोलतु नृत्य पेश किया।

ये मेला हर तीसरे साल मनाया जाता है, लेकिन कोरोना काल के चलते इस बार ये मेला काफी समय बाद हुआ है। शनिवार को खेल को देखने मुख्य अतिथि के रूप में एपीएमसी के चेयरमैन नरेश शर्मा और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अत्तर सिंह चंदेल भी पहुंचे। दोनों ने सांस्कृतिक नृत्य भी किया। नरेश शर्मा ने घोषणा करते हुए गवाई के लिए सड़क की मुरम्मत व नव सड़क निर्माण का वादा किया और फल-सब्जियों को बारिश से बचाने के लिए धन राशी प्रदान की। नरेश ने 51 हजार रुपये ठोडा कमेटी गवाई को और दोनों खुंद दलों को गयारह हजार रुपये प्रदान किये। साथ ही चिखड़ के नृत्य दल को भी गयारह हजार रुपये प्रोत्साहन राशी के रूप में प्रदान किये।

-वही, उत्तर सिंह चंदेल ने भी दोनों खुंद दलों को पांच-पांच हजार रुपये प्रदान किये और मेला कमेटी को प्रोत्साहन राशि के तौर पर तीस हजार रुपये प्रदान किये। मेले के दूसरे दिन रविवार को मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी व हिमाचल रत्न पुरस्कार से सम्मानित राजेश गुप्ता ने मेले में चार चांद लगाए। गुप्ता ने भी प्रोत्साहन राशी के रूप में 51 हजार रुपये कमेटी ठोडा गवाई को प्रदान किये। साथ ही चिखड़ नृत्य दल सहित दोनों ठोडा दलों को गयारह-गयारह हजार रुपये प्रदान किये।

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