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हिमाचल प्रदेश
कचरा अब पहले से ज्यादा बिजली पैदा करेगा, भरयाल में प्लांट को मिली मंजूरी
Tara Tandi
21 Feb 2024 6:31 AM GMT
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शिमला : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में घरों से रोजाना निकलने वाला कचरा अब पहले से ज्यादा बिजली पैदा करेगा। शहर के
शिमला : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में घरों से रोजाना निकलने वाला कचरा अब पहले से ज्यादा बिजली पैदा करेगा। शहर के भरयाल में कचरे से बिजली बनाने के संयंत्र की क्षमता बढ़ाने के लिए यहां बायोमैथीनेशन प्लांट लगाया जाएगा। नगर निगम के इस प्रस्ताव को सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इस पर 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे। देश में पहली बार इस तरह का प्रयोग हो रहा है जहां बायोमैथीनेशन प्लांट में मीथेन गैस तैयार कर कचरे से बिजली बनाने की क्षमता को बढ़ाया जाएगा। नगर निगम महापौर सुरेंद्र चौहान ने 15 फरवरी को पेश किए अपने बजट में भी इसे लगाने की घोषणा की थी।
अब सरकार से इसकी सैद्धांतिक मंजूरी मिलशिमला : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में घरों से रोजाना निकलने वाला कचरा अब पहले से ज्यादा बिजली पैदा करेगा। शहर के भरयाल में कचरे से बिजली बनानेगई है। नगर निगम के अनुसार शिमला शहर से रोजाना 80 से 90 मीट्रिक टन कचरा निकलता है, जिसे भरयाल कूड़ा संयंत्र को भेजा जाता है। भरयाल में मैसर्ज एलीफेंट एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने कूड़ा संयंत्र स्थापित किया है जिसमें कचरे से बिजली तैयार होती है। हालांकि, अभी इसका उत्पादन न के बराबर है। बिजली न बनने से संयंत्र का वेस्ट यानि आरडीएफ अभी सीमेंट कंपनियों को देना पड़ता है।
ऐसे बढ़ेगी बिजली बनाने की क्षमता
निगम के अनुसार संयंत्र में बिजली पैदा न होने का कारण गीला सूखा कचरा अलग न होना और प्लास्टिक की कमी से मीथेन गैस कम पैदा होना है। अब बायोमैथीनेशन प्लांट लगाया जाएगा जिसमें गीले कचरे से पहले मीथैन गैस पैदा की जाएगी। इस गैस को सिन गैस में बलैंड कर कूड़ा संयंत्र में इस्तेमाल किया जाएगा। इससे संयंत्र की कचरे से बिजली बनाने की क्षमता बढ़ जाएगी। नगर निगम का दावा है कि प्लांट लने से अब 2.5 मैगावॉट तक बिजली पैदा हो सकेगी। शिमला शहर के अलावा साथ लगती पंचायतों, घणाहट्टी, कुफरी, शोघी क्षेत्रों से भी कचरा भरयाल ले जाया जाता है।
मिल गई है मंजूरी : आयुक्त
भरयाल में बायोमैथीनेशन प्लांट लगाने को सरकार से मंजूरी मिल गई है। इस प्लांट के लगने से कूड़ा संयंत्र में कचरे से बिजली बनाने की क्षमता बढ़ जाएगी।-भूपेंद्र अत्री, आयुक्त नगर निगम शिमला
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Tara Tandi
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