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हिमाचल प्रदेश
फोन कॉल के माध्यम से दे रहे वजीफे का झांसा, प्रदेश के मेधावियों को ठगने के लिए स्कॉलरशिप का लालच
Gulabi Jagat
2 Jun 2023 1:30 PM GMT
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धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के दसवीं व जमा दो के मेधावी छात्रों से ठगी करने को शातिरों ने स्कॉलरशिप का जाल बिछाया है। इतना ही नहीं, जालसाझों ने स्कूलों से भी छात्रों की डिटेल ऐंठने को लेकर आरटीआई के माध्यम से सभी जानकारी उपलब्ध करवाने को प्रपत्र तक लिख दिए। बावजूद इसके सरकार, शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग की ओर से जालसाझों को पकडऩे को लेकर अब तक कोई उचित प्रयास ही नहीं किए गए हैं। प्रदेश में कई स्थानों पर दसवीं व जमा दो के छात्रों को स्कॉलरशिप के नाम पर डिटेल लेकर उनके बैंक अकाउंट से भी ठगी की जा रही है। वहीं अब प्रदेश में लगातार इस तरह के मामले सामने आने पर शिक्षा विभाग व शिक्षा बोर्ड ने छात्रों व अभिभावकों को भी अलर्ट किया है, जिसमें आगाह किया गया है कि छात्रों से नहीं विभाग व बोर्ड की ओर से छात्रवृत्ति के संदर्भ में कोई भी सूचना नहीं मांगी जा रही है। इसमें सीधे स्कूलों से ही संपर्क किया जाता है, ऐसे में सभी छात्र स्कॉलरशिप के फ्रॉड के झासें में कतई भी न आएं। हिमाचल प्रदेश में शातिर लोगों के साथ-साथ अब युवा मेधावी छात्रों को ठगने के भी नए-नए हथकंडे अपनाने लगे हैं।
प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड व सीबीएसई की ओर से हाल ही में दसवीं व जमा दो का रिजल्ट जारी किया गया है। इसके बाद से जालसाझों ने स्कॉलरशिप के नाम पर मेधावी छात्रों को डाटा चुराकर उन्हें निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं, कई छात्रों को मेधावी होने के चलते छात्रवृत्ति के नाम पर विभिन्न जानकारियों सहित बैंक अकाउंट की डिटेल तक हथिया ले रहे हैं, जिससे उनके साथ बड़ी ठगी की जा रही है। उधर, उच्च शिक्षा उप-निदेशक कांगड़ा रेखा कपूर ने बताया कि इस तरह की शिकायत अब तक नहीं आई है। हालांकि छात्रों के साथ शिक्षा विभाग की छात्रवृत्ति के लिए सीधे कोई संपर्क नहीं किया जाता है, मात्र स्कूलों के माध्यम से ही संपर्क होता है। ऐसे में इस तरह की जालसाझों के झांसे में छात्र बिलकुल भी न आएं। स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डा. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि स्कॉलरशिप के लिए बोर्ड की ओर से छात्रों से डायरेक्ट कोई संपर्क नहीं किया जाता है। स्कूल के माध्यम से ही स्कॉलरशिप को ऑनलाइन आवेदन होते हैं, छात्र ऐसी फ्रॉड कॉल से सावधान रहें। (एचडीएम)
छात्रों से डायरेक्ट कोई कांट्रैक्ट नहीं
पहले लैपटॉप व अब स्मार्ट फोन देने की योजना भी चलाई जा रही है। हालांकि इसके लिए विभाग व बोर्ड के निर्धारित मापदंड के तहत सीधे स्कूलों से ही संपर्क किया जाता है, जबकि छात्रों से डायरेक्ट कोई भी कांटैक्ट नहीं किया जाता है, जबकि ठगों की ओर से लगातार छात्रों के साथ सीधे संपर्क किया जा रहा है, जिससे उन्हें झांसे में लिया जा रहा है। इसमें बड़ी बात यह भी सामने आई है कि शातिरों ने स्कूलों तक से छात्रों की डिटेल आरटीआई डालकर लेने की कोशिश की है। इस संबंध में स्कूल की प्रिंसीपल की ओर से भी बताया गया है कि ऐसी कोशिश जालसाझों ने की है, लेकिन उन्होंने कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई है।
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