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राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने को लेकर बनाई गई कैबिनेट सब-कमेटी की पहली बैठक शुक्रवार को सचिवालय में हुई। इसकी अध्यक्षता सब-कमेटी के अध्यक्ष उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने की। कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह और वित्त सचिव अक्षय सूद भी इस बैठक में थे। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में उपमुख्यमत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार ने इस प्रदेश की वित्तीय स्थिति के साथ खिलवाड़ किया है। पिछले पांच साल के दौरान बिना सोचे-समझे ऋण लिए गए और राज्य के संसाधन बढ़ाने पर कोई काम नहीं किया।
भारत सरकार से जो वित्तीय हक राज्य सरकार का था, उसके लिए भी लड़ाई नहीं लड़ी। इस कारण हिमाचल प्रदेश अब गंभीर वित्तीय संकट के दौर में है और ओवर ड्राफ्ट भी झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज श्वेत पत्र बनाने को लेकर सिर्फ पहली बैठक हुई है। इसके बाद दो बैठकें और होगी। एक महीने के भीतर कैबिनेट सब-कमेटी कैबिनेट में अपनी रिपोर्ट रखेगी। इससे ज्यादा अभी श्वेत पत्र को लेकर कुछ शेयर नहीं किया जा सकता है। श्वेत पत्र में होगा क्या? इस बारे में पूछे जाने पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोगों को यह पता होना चाहिए कि वित्तीय स्थिति राज्य की कैसी है और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? यही उद्देश्य इस श्वेत पत्र को बनाने का है। इसको बनाती बार सभी वित्तीय पहलुओं पर ध्यान रखा जाएगा और संसाधन अर्जित करने की सिफारिशें भी कैबिनेट सब-कमेटी देगी।
जो गलतियां भाजपा सरकार ने कीं, वे हम नहीं दोहराएंगे
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह पूर्व भाजपा सरकार फाइनांसियल फ्रंट पर नाकाम रही, वैसी गलतियां वर्तमान सरकार नहीं दोहराएगी। हमारी सरकार ने संसाधन बढ़ाने पर पहले ही बहुत से कदम उठाए हैं और आने वाले दिनों में कुछ कदम और उठाए जाएंगे। पूर्व सरकार ने कौन से कदम गलत उठाए? इसकी समीक्षा भी होगी। कैबिनेट सब-कमेटी अभी दो बैठकें और करेंगी और फिर अपनी रिपोर्ट सीधे कैबिनेट में रखेगी।
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