हिमाचल प्रदेश

चुनावी राजनीति से हटे पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा, इस बार लड़ूंगा नहीं, लड़वाऊंगा

Renuka Sahu
19 Oct 2022 2:54 AM GMT
Former Chief Minister Prem Kumar Dhumal, who withdrew from electoral politics, said, this time I will not fight, I will fight
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी तय होने से पहले एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी तय होने से पहले एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। दो बार के मुख्यमंत्री और पिछली बार सुजानपुर से चुनाव लड़े भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल ने चुनावी राजनीति को अलविदा कह दिया है। वह इस बार खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि सुजानपुर चुनाव क्षेत्र में वह पिछले पांच साल से सक्रिय थे। प्रेम कुमार धूमल भाजपा की चुनाव समिति की बैठक के लिए दिल्ली गए हुए हैं। चुनाव समिति से स्क्रीनिंग के बाद अब भाजपा का संसदीय बोर्ड प्रधानमंत्री के उपस्थिति में टिकट फाइनल कर रहा है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि उन्होंने बहुत पहले ही पार्टी को अपनी इच्छा व्यक्त कर दी थी और यह कहा था कि वह चुनाव नहीं लडऩा चाहते। पार्टी ने उनकी इच्छा का सम्मान किया है और वह यह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि इस बार वह खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन चुनाव लड़वाएंगे। वह चुनावी राजनीति से हट रहे हैं, पर राजनीति में सक्रिय रहेंगे। पहले धूमल की उम्मीदवारी को लेकर उम्र की वजह से भी कई तरह की चर्चाएं उठ रही थीं। 78 साल की आयु पूरा करने के बाद दोबारा चुनाव लडऩे का फैसला उनको लेना था।

1998 में पहली बार संभाली प्रदेश की कमान

प्रो. धूमल के मुख्यमंत्री काल की बात करें तो वह पहली बार वर्ष 1998 में विधायक बने और उनके नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा सरकार बनी। दूसरी बार वर्ष 2007 में प्रो. प्रेम कुमार धूमल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 2017 के चुनावोंं में हालांकि पार्टी ने फिर से उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया, लेकिन वह खुद चुनाव हार गए थे। उनकी हार के बाद न केवल हमीरपुर जिल, बल्कि प्रदेश के हर कौने में बैठा धूमल समर्थक इन पांच वर्षों में हाशिए पर ही रहा।

धूमल के बिना क्या बदल पाएगा रिवाज!

पूर्व सीएम के चुनाव न लडऩे की घोषणा पर सियासी चर्चा तेज

प्रदेश के दो बार के मुख्यमंत्री और तीसरी बार सीएम फेस बने प्रो. प्रेम कुमार धूमल इस बार यानी वर्ष 2022 का यह चुनाव नहीं लड़ेंगे। मंगलवार सुबह आई इस खबर ने प्रदेश के सियासी गलियारों में गर्माहट ला दी है। हालांकि उन्होंने किन कारणों से यह फैसला लिया, इसकी सही जानकारी फिलहाल किसी के पास नहीं है, लेकिन एकाएक आई इस खबर के साथ ही हमीरपुर सहित प्रदेशभर के धूमल समर्थकों में मायूसी और सन्नाटा पसर गया है। भले ही प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के लिए प्रधानमंत्री मोदी स्वयं मोर्चा संभाले हुए हैं, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा प्रो. धूमल के बिना उस रिवाज को बदल पाएगी, जिसका वह लगातार दावा कर रही है। बता दें कि जब सीएम फेस होने के बावजूद 2017 के चुनावों में प्रो. धूमल हार गए थे, तो भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कुछ ही महीनों बाद फिर से फील्ड में उतर गए।

75 प्लस होने के बावजूद वह सुजानपुर के एक-एक घर तक पहुंचे और पार्टी के हर कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते रहे। सबको उम्मीद थी कि वह इस बार सुजानपुर से चुनाव लड़ेंगे। यही नहीं, कुछ दिन पूर्व तो उनकी हमीरपुर से भी चुनाव लडऩे की चर्चा ने बल पकड़ लिया था। इन पांच वर्षों में हमीरपुर की जनता जान चुकी थी कि प्रो. धूमल को हराकर उन्होंने जिले का कितना नुकसान करवाया है। शायद इसी वजह से हर कोई धूमल के चुनाव लडऩे की पैरवी कर रहा था।

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