हिमाचल प्रदेश

परम सुख के लिए बौद्ध चित्त की प्राप्ति जरूरी: दलाईलामा

Gulabi Jagat
3 Jun 2022 9:04 AM GMT
परम सुख के लिए बौद्ध चित्त की प्राप्ति जरूरी: दलाईलामा
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दलाईलामा बोले
मुख्य बौद्ध मंदिर मैक्लोडगंज में तिब्बती युवाओं के लिए चल रही दो दिवसीय टीचिंग के दूसरे दिन धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा कि बौद्ध चित्त (भगवान बुद्ध की प्राप्ति) से हटकर कुछ नहीं है। बौद्ध चित्त बहुत महत्वपूर्ण है। चाहे स्वयं का हित हो या दूसरों का हित, चाहे अभी का सुख हो, चाहे अंतिम परम सुख, सभी स्थितियों में बौद्ध चित्त का अभ्यास करने की आवश्यकता रहती है। मनुष्य अगर दिन के तीनों समय के सुख चाहते हैं तो बौद्ध चित्त की प्राप्ति करनी चाहिए। बौद्ध चित्त ही सभी सुखों का मार्ग है। मैं रोज सुबह बौद्ध चित्त का जाप करता हूं। दलाईलामा ने कहा कि जीवन अच्छे से चलाना है तो हमें प्रेम और स्नेह की आवश्यकता है।
इसके बिना सफल जीवन संभव नहीं है। हम सभी के मन में प्रेम और स्नेह है। खासकर हमें नुकसान पहुंचाने वाले शत्रु से हमें और ज्यादा प्रेम करना चाहिए। दुनिया में जितने भी जीवधारी हैं, उनके प्रति प्रेम की भावना रखनी चाहिए। अगर मन में प्रेम है तो आप कहीं भी जाएं, आप सुखी होंगे। मन में क्रोध, ईर्ष्या रखकर चलने वाले को सुख नहीं मिलेगा। अगर सुखी रहना चाहते हैं तो सद हृदय वाले व्यक्ति बनें। सुख अगर मूल है तो वो हमारा प्रेम है। क्रोध को एक शत्रु के रूप में मानना चाहिए है। इसके त्याग कर हम सुखी हो सकते हैं।
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