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हिमाचल प्रदेश
इतिहास में पहली बार मंडी की झोली खाली, सुक्खू मंत्रिमंडल विस्तार
Gulabi Jagat
9 Jan 2023 9:28 AM GMT
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मंडी: हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी भी सरकार में मंडी का कोई भी मंत्री या मुख्य संसदीय सचिव नहीं है। यंू तो यह मंडी जिले को भाजपा के साथ जाने की सजा के तौर पर देखा जा रहा है मगर दस में एक सीट कांग्रेस को धर्मपुर से चंद्रशेखर की जीत से मिली थी उसे भी सरकार में शामिल न करके मंडी की झोली को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है। 1952 से लेकर 2017 तक प्रदेश के जितने भी मंत्रीमंडल बने हैं उसमें मंडी का हिस्सा सबसे ज्यादा या फिर कांगड़ा के बराबर कर रहता आया है।
इस बार मंडी को नई कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ठेंगा दिखा दिया है। जहां तक मंडी संसदीय क्षेत्र की बात है तो 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं मगर केवल एक मंत्री वह भी एक सीट वाले किन्नौर जिले से जगत सिंह नेगी के रूप में मिला है। कुल्लू जिले से जीते सुंदर सिंह ठाकुर को महज मुख्य संसदीय सचिव बनाकर ही एक तरह से खानापूर्ति की गई है जबकि शिमला संसदीय क्षेत्र पांच केबिनेट मंत्रियों धनी राम शांडिल, अनिरूद्ध सिंह, हर्ष बर्धन चौहान, रोहित ठाकुर व विक्रमादित्य सिंह के अलावा तीन मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, राम कुमार व मोहन लाल बरागटा बनाए गए हैं। यानि 17 में आठ विधायकों का एक तरह से झंडी दे दी गई। यूं मंडी की तरह बिलासपुर व लाहुल जिले भी अभी तक पूरी तरह से खाली है और 10 सीटें कांग्रेस को देने वाले कांगड़ा को भी महज एक ही मंत्री दिया गया है।
बिलासपुर के घुमारवीं से जीते राजेश धर्माणी व धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा तो मंत्रीमंडल की प्रथम पंक्ति के दावेदार माने जा रहे थे। अगले साल मई महीने में लोक सभा के चुनाव हैं। मंडी से प्रतिभा सिंह वर्तमान में सांसद हैं। लोक सभा चुनाव सुखविंदर सिंह सुक्खू की पहली बड़ी परीक्षा होगी। अब शिमला से मंत्री और मुख्य संसदीय सचिवों की फौज तो हमीरपुर जिले से स्वयं मुख्यमंत्री सुक्खू व उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री हैं। कांगड़ा में अभी बहुत कमी हैं क्योंकि एक मंत्री चंद्र कुमार एक विधानसभा अध्यक्ष जिला चंबा से कुलदीप सिंह पठानिया बने हैं। ऐसे में यदि चुनावों से पहले इन दोनों ही संसदीय क्षेत्रों को सरकार व कांग्रेस संगठन ने सही तरीके से नहीं साधा तो चुनावों में दिक्कत पैदा हो सकती है। बहरहाल कुछ भी कहें मगर मंत्रीमंडल विस्तार में संतुलन नाम की कोई चीज नजर नहीं आई है।
Gulabi Jagat
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