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हिमाचल प्रदेश
फ्लैग कोड-डिस्पोजल का नहीं रखा गया ध्यान, आनन फानन में लिया गया तिरंगा फहराने का निर्णय
Gulabi Jagat
9 Aug 2022 2:25 PM GMT
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घुमारवीं, 09 अगस्त तिरंगा देश की आन, बान और शान है। इसकी खातिर हमारे वीर प्राण देते हैं। यह हमें उन वीरों की भी याद दिलाता है जिन्होंने स्वतंत्र भारत के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी थी। बिलासपुर में पत्रकारों से बात करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव तथा पूर्व सीपीएस राजेश धर्माणी ने कहा कि सरकार ने आनन-फानन में निर्णय लेकर हर घर तिरंगा पहुंचाने की योजना बना दी है, लेकिन फ्लैग कोड और डिस्पोजल का ध्यान नहीं रखा गया है।
उन्होंने कहा कि वितरित किए जाने वाले कई झंडे क्षतिग्रस्त भी हैं और जिस तरह का मटेरियल लगाकर इन्हें बनाया गया है उस तरह से इसकी कीमत पांच से सात रुपए ठहरती है लेकिन इसे 25 रुपए में दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फ्लैग कोड में स्पष्ट किया गया है कि इसे चढ़ाने का उतारने की क्या विधि होती है और उसमें डिस्पोजल का तरीका भी बताया गया है। उसमें निश्चित रूप से इसका साइज भी निर्धारित किया गया है। लेकिन सरकार के इन आदेशों में इस तरह का कुछ भी ध्यान नहीं रखा गया है कि आम आदमी इसे कैसे रखेगा, कैसे चढ़ाएगा और कैसे वापस उतारेगा। इस बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है। यह निश्चित रूप से हमारे इस राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को कम करने की बात सामने नजर आ रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का जवाब दे कि यह ध्यान क्यों नहीं रखा गया। उन्होंने कहा स्वतंत्रता सेनानी, जिन्होंने अपने खून से आजादी लाकर इस ध्वज का सम्मान किया था, जब वह इसका बाद में अपमान देखेंगे तो उन्हें भी ठेस पहुंचेगी। झंडा लहराने के बाद उसे किस तरह से उतारकर कहां रखा जाना है, यह बात सरकार ने सुनिश्चित नहीं की है। उन्होंने कहा कि इस बारे में भी सरकार बताएं कि फ्लैग कोड का ध्यान क्यों नहीं रखा गया।
Gulabi Jagat
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