हिमाचल प्रदेश

बहुप्रतिक्षित परियोजना होली-उतराला सडक़ को दी अंतिम मंजूरी, पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 27 शर्तों के साथ लगाई मुहर

Renuka Sahu
25 Aug 2022 3:15 AM GMT
Final approval for the much awaited project Holi-Uttara road, Ministry of Environment, Forest, Climate Change stamped with 27 conditions
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फाइल फोटो 

कांगड़ा और चंबा जिलों के बीच बहुप्रतिक्षित परियोजना होली-उतराला सडक़ को केंद्र सरकार ने अंतिम मंजूरी दे दी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कांगड़ा और चंबा जिलों के बीच बहुप्रतिक्षित परियोजना होली-उतराला सडक़ को केंद्र सरकार ने अंतिम मंजूरी दे दी है। केंद्र ने 27 शर्तों के आधार पर यह मंजूरी दी है। कांगड़ा जिला में लंबे समय से लंबित उतराला-होली सडक़ के निर्माण को भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मंजूर किया है। अब इस सडक़ का निर्माण लोक निर्माण विभाग शुरू कर पाएगा। सुराही से उत्तराला तक इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। यह निर्माण पालमपुर वन मंडल के अधीन होगा। इससे पूर्व इसी साल छह जनवरी को इसी परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई थी। इसके बाद प्रस्ताव को केंद्र के सुपुर्द किया गया था और अब केंद्र ने इस परियोजना निर्माण को पूरी मंजूरी दे दी है। 14.4902 हेक्टेयर वन भूमि को लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया है। करीब 33 किलोमीटर लंबे मार्ग का निर्माण किया जाएगा। इसमें 1476 पेड़ काटे जाएंगे और जहां पेड़ कटेंगे, वहां संबंधित एजेंसी को दोबारा से उसी जगह पौधे रोपने होंगे। साथ ही पेड़ कटाई की लागत भी जमा करनी होगी।

भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जिन शर्तों पर यह मंजूरी दी है, उनमें मुख्य रूप से वन विभाग की भूमि पर श्रमिक शिविर स्थापित न करने, परियोजना को पूरा करने के लिए कोई अतिरिक्त सडक़ का निर्माण न करने, वन विभाग के नियमों का उल्लंघन न करने और वन्य जीवों को लेकर जारी की गई शर्तें लागू रहेंगी। परियोजना के निर्माण से कागड़ा और चंबा के बीच की दूरी कम होगी और भरमौर से ताल्लुक रखने वालों को जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा। पर्यटन की संभावनाओं को भी बल मिलेगा। इससे पूर्व होली-उतराला के बीच सुरंग निर्माण का मसला कई सालों तक चर्चा में रहा है। बाद में इस सुरंग निर्माण को सडक़ में बदल दिया गया। यह सडक़ जनवरी माह से लगातार चर्चा में है और लोग निर्माण की राह ताक रहे हैं। (एचडीएम)
43 परियोजनाओं को पीडब्ल्यूडी ने लगाए टेंडर
वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा है कि कांगड़ा जिला में लंबे समय से लंबित पड़े उतराला-होली सडक़ के निर्माण को भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। कांगड़ा और चंबा जिला की दूरी कम होगी, बल्कि आमजनमानस को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा। धर्मशाला क्षेत्र में एफआरए के तहत अनुमति प्राप्त होने के उपरांत 43 परियोजनाओं के लोक निर्माण विभाग ने टेंडर भी लगा दिए हैं। कांगड़ा जिला में वर्ष 2019 से अब तक 80 विकासात्मक परियोजनाओं को एफआरए की अनुमति मिल चुकी है। यह सभी परियोजनाएं एफसीए और एफआरए की क्लीयरेंस न मिलने की वजह से रुकी हुई थीं। धर्मशाला क्षेत्र में विभिन्न संपर्क सडक़ों के निर्माण का कार्य अब तेजी से किया जा सकेगा।
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