हिमाचल प्रदेश

कठिन सब्जेक्ट को लेकर दूर होगा डर, सोलन में प्रिंसीपल ने अपने खर्चे पर बनवाया साइंस पार्क

Gulabi Jagat
25 July 2022 11:06 AM GMT
कठिन सब्जेक्ट को लेकर दूर होगा डर, सोलन में प्रिंसीपल ने अपने खर्चे पर बनवाया साइंस पार्क
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शिमला
बच्चों के लिए कठिन विषय को आसान बनाने के लिए नई शिक्षा नीति के तहत हालांकि अलग-अलग प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सोलन के एक सरकारी स्कूल ने ऐसा पार्क तैयार किया है, जो सभी स्कूलों के लिए मिसाल बन गया है। खास बात यह है कि स्कूल की मुख्याध्यापिका ने अपने खर्चे पर खुद यह पार्क तैयार किया है। राजकीय उच्च पाठशाला खररहट्टी सोलन में साइंस पार्क तैयार किया गया है। प्रदेश में यह पहला ऐसा पार्क है, जिसमें छठी से दसवीं कक्षा तक के विज्ञान और गणित के मॉडल स्कूल परिसर में लगाए गए हैं। यहां की मुख्य अध्यापिका ममता गुप्ता ने खुद यह पहल की है और पूरे प्रदेश में मिसाल कायम की है। उन्होंने बताया कि बच्चों के मनमन से गणित और विज्ञान का डर दूर करने के लिए और विषय को दिलचस्प बनाने के लिए इस पार्क का निर्माण किया गया है। बच्चे जब भी पार्क में आते हैं।
उन्हें खेल-खेल में ही काफी जानकारी मिल जाती है। इस पार्क में ऊष्मा का अवशोषण, सौर मंडल, मिथेन जैसे अनेक मॉडल तैयार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल प्रांगण में पक्षियों को रहने के लिए तीन मंजिला घर बनाया गया है, जिसे पक्षीशाला का नाम दिया गया है। इसमें बच्चे बारी-बारी से सुबह-शाम दाना डालेंगे। मकसद बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है। इसके साथ ही पक्षियों के लिए मिट्टी के बरतनों में पानी की व्यवस्था की गई है। बच्चों को जब बचपन से ही पक्षियों से प्यार होगा, तो वे बड़े होकर जंगल में कभी भी आग नहीं लगाएंगे और उससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। स्कूल में जगह की कमी की वजह से इस पार्क में औषधीय पौधों लगाए गए हैं, जहां पेंटिंग के माध्यम से जल बचाओ, पेड़ लगाओ, ऊर्जा बचाओ जैसे अनेक संदेश दिए गए हैं। वहीं स्कूल का दौरा करने आए शिक्षा उपनिदेशक जगदीश नेगी ने इस पार्क की काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पार्क बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें पक्षियों के बारे में बतान और पर्यावरण को बचाने में काफी मददगार होगा। (एचडीएम)
120 बच्चों को मिल रही मदद
इस स्कूल में करीब 120 बच्चों को पढ़ाई करने में आसानी हो रही है। बच्चे साइंस और गणित विषय को पार्क में विजिट कर सही ढंग से समझ पाते हैं। मुख्याध्यापिका ने इस पार्क को केवल दो माह में तैयार किया है।
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